चंडीगढ़, 01 जनवरी। हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ बनी भाजपा सरकार की उत्तरदायी, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करने की दूरदृष्टि सोच के साथ पिछले एक वर्ष से अधिक के कार्यकाल के दौरान उठाए गए कदमों से आज हरियाणा की राजनीति में एक नए क्षितिज का उदय हुआ है तथा वर्ष 2015 को हरियाणा गठन की स्वर्ण जयन्ती वर्ष की शुरूआत के रूप में एक परिवर्तन वर्ष के रूप में जाना जाएगा।
एक व्यक्तव्य में धनखड़ ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों में जन प्रतिनिधि लोगों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में उभरें। इस कड़ी में सरकार ने पहली बार पंचायत व स्थानीय निकायों के चुनावों में हर लिहाज से स्वच्छ छवि के उम्मीदवार चुनाव लडऩे के लिए आगे आएं, इसलिए शैक्षणिक योग्यता जैसी नई शर्तें अनिवार्य की हैं जिसकी भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सही ठहराए जाने और इसे पूरे देश में अपनाए जाने की आवश्यकता की टिप्पणी अपने आदेशों में किए जाने के बाद हरियाणा में पंचायती राज चुनाव से एक नई राजनीति की शुरुआत हुई है। पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करने के हरियाणा सरकार के साहसिक फैसले के लिए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री व अन्य नेता बधाइयां दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, मीडिया व सोशल मीडिया में यह मुद्दा चर्चा का विषय रहा। कई समाचार पत्रों ने तो हरियाणा सरकार के फैसले पर सर्वोच्चय न्यायालय की मोहर लगने के बाद सम्पादकीय भी लिखे हैं और आज हरियाणा बदला-बदला नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि 10, 17 व 24 जनवरी, 2016 को तीन चरणों में आयोजित हो रहे पंचायती राज संस्थानों के लिए भरे जा रहे नामांकन पत्रों में चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी काफी उत्साह है और वे साफ छवि वाले लोगों के साथ चुनाव अभियान में जुडक़र गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
धनखड़ ने कहा कि अब तक हरियाणा को देश में इसके वीर-जवानों तथा खिलाडिय़ों के नाम से विशेष रूप से जाना-जाना जाता था परन्तु अब हरियाणा को ‘पढ़ी-लिखी पंचायत-हरियाणा की शान’ से भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छे उम्मीदवार आगे आएं, इसके लिये शैक्षणिक योग्यता पंच, सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के लिये कम से कम 10वीं पास निर्धारित की गई है। महिलाओं व अनुसूचित जाति के लिये आठवीं पास तथा अनुसूचित जाति की महिलाओं के पंच के चुनाव लडऩे के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पांचवी पास है।
उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार सहकारी बैंकों व बिजली बिलों के डिफाल्टर न हो। नामांकन के समय उम्मीदवारों को घर में शौचालय होने की घोषणा भी करनी होगी। इससे स्वच्छ भारत-स्वच्छ हरियाणा मिशन को सफल बनाने में सहयोग मिलेगा। इस फैसले से हरियाणा में साक्षरता की दर में भी इजाफा होगा। पंचायती राज संस्थानों में पढ़े-लिखे जनप्रतिनिधियों के चुने जाने से विकास कार्यों में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की ढेर सारी योजनाएं पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से निचले स्तर पर क्रियान्वित की जाती हैं। पंचायती स्तर पर 29 सेवाएं सीधे रूप से पंचों-सरपंचों के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि इससे भ्रष्टाचार रूकेगा और विकास कार्यों में पूरी पारदर्शिता भी आएगी।
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