चण्डीगढ़, 27 अक्टूबर (जस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र का हिस्सा है, परंतु हरियाणा में विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं है। सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र के हर वायदे को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। ये वायदे पांच वर्षों के लिए किए जाते हैं और हमने दो वर्षों में योजना व विकास पर फोकस किया है, तीसरा वर्ष सरकार का रोजगार का वर्ष होगा।
मुख्यमंत्री गुरूवार को अपनी सरकार के दो वर्ष पूरे होने तथा हरियाणा मंत्रिमण्डल की आज यहां उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक के उपरांत एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। पिछले दो वर्षों के कार्यकाल में विपक्ष के हर आरोप का जवाब दिया है और इसका समाधान किया। पिछले वर्ष धान खरीद में विपक्ष ने धान की 1509 किस्म में धांधली का आरोप लगाया था, परंतु सरकार ने विधानसभा सत्र में सभी तथ्य रखकर विपक्ष का मुंह बंद किया। अबकी बार धान खरीद में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत तक की अनुमति दी गई है। किसान, आढती व मिलर के बीच नमी के मुद्दे को लेकर हमेशा से ही सहमति होती रही है।
दो वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों के सम्बन्ध में पूछे गये एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से राष्ट्रपति संदर्भ के लिए सर्वोच्च न्यायालय में सुनाई के लिए लम्बित सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे की सर्वोच्च न्यायालय में नियमित सुनवाई करवाई और अंतिम फैसला न्यायालय ने रिजर्व रखा है और उन्हें आशा है कि एसवाईएल का फैसला हरियाणा के हित में ही आएगा।
विपक्ष द्वारा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के एक अन्य प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों का ठीक से अध्ययन नहीं किया है। यह एक लम्बी रिपोर्ट है। फसल बीमा योजना लागू करना व किसानों को फसल खराबे पर कम से कम 10,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा निर्धारित करना स्वामीनाथन रिपार्ट में शामिल था, परंतु सरकार ने इससे भी बढक़र 12,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा निर्धारित किया है।
एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य होगा, जिसने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की पहल की है। इसी प्रकार, पुलिसकर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था करने वाला भी हरियाणा देश मेें पहला राज्य है।
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