चंडीगढ़, 22 जनवरी। इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) के अंतरिम सचिवालय की स्थापना के साथ ही हरियाणा का गुड़गांव सौर ऊर्जा का हब बनने जा रहा है। इस सचिवालय का उद्घाटन 25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद करेंगे। वे राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (नाइस), गुड़गांव में आईएसए के भवन की आधारशिला भी रखेंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केन्द्रीय बिजली, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित रहेंगे।
इंटरनेशनल सोलर एलायंस का मुख्यालय भारत में होगा। इसका शुभारम्भ 30 नवम्बर, 2015 को भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से फ्रांस के पैरिस में किया था। इस कार्य के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान, गुड़गांव के परिसर में पांच एकड़ भूमि की पेशकश की गई है। इस एलायंस में 121 सौर संसाधन सम्पन्न देश शामिल हैं, जो विश्वभर में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने के उद्देश्य से एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
इंटरनेशनल सोलर एलायंस का मुख्य उद्देश्य, इसके शुभारम्भ प्रस्ताव के अनुसार सौर ऊर्जा की उत्पादन लागत को कम करना है, जोकि सौर ऊर्जा के व्यापक प्रसार के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
यह एलायंस किसी देश की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार सौर ऊर्जा की उत्पादन प्रौद्योगिकियों और भण्डारण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे संयुक्त उद्यमों समेत प्रशिक्षण, भवन संस्थानों, विनियामक पहलुओं, सांझा मानकों और निवेश में भी सहयोग बढे़गा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि पैरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति की सह-अध्यक्षता में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इंटरनेशनल सोलर एलायंस ने पूरी तरह से या आंशिक रूप से कर्क रेखा व मकर रेखा के बीच पड़ने वाले सभी देशों को स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
उन्होंने बताया कि यह एलायंस गुड़गांव के नाइस परिसर में स्थापित होने वाले सचिवालय से कार्य करेगा। केन्द्र सरकार इस उद्देश्य के लिए एलायंस को पांच साल के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी तथा 30 मिलियन डॉलर की सहायता देगी।
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