देहरादून, 30 मार्च (जनसमा)। केन्द्र सरकार और उत्तराखंड में कांग्रेस के बागी विधायकों द्वारा हरीश रावत को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश देने के एकल पीठ के अंतरिम आदेश को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में अपील पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने एकल पीठ के उस फैसले पर रोक लगा दी है।
फोटोः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत 29 मार्च 2016 को देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए। (आईएएनएस)
यू.सी. ध्यानी की एकल पीठ ने मंगलवार को रावत सरकार को 31 मार्च को विधानसभा में बहुमत सिद्घ करने का निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ बुधवार सुबह केंद्र सरकार ने अपील की थी।
सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति बी.के. बिष्ट और न्यायमूर्ति ए.एम.जोजफ की खंडपीठ ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में हाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है। केन्द्र सरकार की ओर से एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की याचिका मुख्य न्यायाधीश के० एम जोसफ और न्यायमूर्ति वी के बिष्ट की खंडपीठ के सामने पेश की गयी। इसमें स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या सदन के निलंबन और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराया जा सकता है।
कांग्रेस के बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुन्जवाल के उन्हें अयोग्य ठहराने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
Follow @JansamacharNews