नई दिल्ली/देहरादून, 30 जनवरी। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती से सीएसएसआर सीएसएसएफएमपी व एआईबीपी के अंतर्गत संचालित योजनाओं पर जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार से कुल 732 करोड़ 23 लाख रूपए केंद्रांश की धनराशि अवमुक्त किए जाने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि योजना आयोग द्वारा जनवरी 2014 में उत्तराखण्ड के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र पोषित योजनाओं के अंतर्गत विशेष पैकेज के माध्यम से एआईबीपी व बाढ़ नियंत्रण में अवशेष केंद्रांश 416 करोड़ 64 लाख रूपए केंद्र पोषित बाढ़ सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत अवशेष केंद्रांश 141 करोड़ 98 लाख रूपए व त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत अवशेष केंद्रांश 77 करोड़ 41 लाख रूपए तथा लघु सिंचाई विभाग के तहत अवशेष केंद्रांश 96 करोड़ 20 लाख रूपए अवमुक्त किया जाना शेष है। इस प्रकार सीएसएसआर सीएसएसएफएमपी व एआईबीपी के अंतर्गत संचालित योजनाओं पर जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार से कुल 732 करोड़ 23 लाख रूपए केंद्रांश की धनराशि अवमुक्त की जानी है।
मुख्यमंत्री रावत ने पत्र में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया है कि कहा है कि योजना आयोग द्वारा जनवरी 2014 में उत्तराखण्ड के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र पोषित योजनाओं के अंतर्गत विशेष पैकेज के माध्यम से एआईबीपी व बाढ़ नियंत्रण में 879 करोड़ 50 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी जो वित्तीय वर्ष 201516 में समाप्त हो जाएगी। उक्त विशेष पैकेज के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 657 करोड़ 79 लाख रूपए लागत की 54 बाढ़ सुरक्षा योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
इसमें केंद्रांश की राशि 460 करोड़ 45 लाख रूपए है जबकि राज्यांश 197 करोड़ 34 लाख रूपए है। राज्य सरकार ने इन योजनाओं में राज्यांश की सम्पूर्ण धनराशि अवमुक्त कर दी है। जबकि जल संसाधन मंत्रालय द्वारा उक्त योजनाओं पर केंद्रांश की धनराशि 460 करोड़ 45 लाख रूपए के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 201415 में मात्र 43 करोड़ 81 लाख रूपए की धनराशि अवमुक्त की गई है।
उपरोक्त के अतिरिक्त केंद्र पोषित बाढ़ सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत निर्माणाधीन 17 योजनाएं जिनकी स्वीकृत लागत 265 करोड़ 83 लाख रूपए है के सापेश अवशेष केंद्रांश 141 करोड़ 98 लाख रूपए व त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत निर्माणाधीन 32 योजनाओं पर अवशेष केंद्रांश 77 करोड़ 41 लाख रूपए तथा लघु सिंचाई विभाग की 651 योजनाओं के कार्योे हेतु केंद्रांश की अवशेष धनराशि 96 करोड़ 20 लाख रूपए अवमुक्त किया जाना शेष है।
इस प्रकार सीएसएसआर सीएसएसएफएमपी व एआईबीपी के अंतर्गत संचालित योजनाओं पर जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार से कुल 732 करोड़ 23 लाख रूपए केंद्रांश की धनराशि अवमुक्त की जानी अवशेष है।
मुख्यमंत्री रावत ने अपने पत्र में कहा कि निर्माणाधीन कार्यों की राशि अवमुक्त न होने के कारण न केवल कार्य अधूरे पड़े हैं, व्यय की गई धनराशि से लाभ भी नहीं मिल पाता है जब तक कि परियोजना पूर्ण न हो जाए। बाढ़ सुरक्षा की इन अपूर्ण योजनाओं के आगामी वर्षाकाल से पूर्व पूर्ण न किए जाने की स्थिति में इनके क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना भी है। मुख्यमंत्री रावत ने अवशेष केंद्रांश की राशि जल्द से जल्द राज्य सरकार को अवमुक्त करने का अनुरोध किया है।
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