देहरादून, 01 फरवरी। सोमवार को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सहस्त्रधारा में पार्किंग स्थल का शिलान्यास करते हुए कहा कि सहस्त्रधारा को प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा। पर्यटन स्थलों का प्रबंधन स्थानीय सहभागिता से किए जाने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सहस्त्रधारा में बनने वाली इस पार्किंग का प्रबंधन स्थानीय आधार पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि मसूरी के चारों ओर ऐसी सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दो वर्षों में मसूरी में 100 करोड़ रूपए से अधिक की स्वीकृतियां हो चुकी हैं या प्रक्रिया में हैं। सहस्त्रधारा में कृत्रिम झील के अधिक विकास के लिए सर्वे किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को फेसिलिटेटर की भूमिका निभाते हुए स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। पर्यटन स्थलों व राजमार्गों के किनारे सराय विकसित किए जाएंगे जहां उत्तराखण्डी व्यंजन व हेंडीक्राफ्ट के प्रदर्शन व बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।
हरीश रावत ने कहा कि राज्य में सड़कों में काफी काम हुआ है परंतु गांवों को हम उत्पादन केंद्र नहीं बना पाए हैं जिसके कारण बाहर की वस्तुएं हमारे यहां आती हैं, हमारे उत्पादों को अवसर नहीं मिल पाते हैं। पिछले कुछ समय में हमने इस दिशा में कई नीतिगत निर्णय लिए हैं। हम अपने स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें अपने भोजन पदार्थों व हेंडीक्राफ्ट के प्रति आकर्षण पैदा करना होगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हम अपने प्रत्येक कार्यक्रम व योजना को आजीविका व लोगों की व्यक्तिगत आय बढ़ाने से जोड़ रहे हैं। हमने गांवों महिलाओं, युवाओं के लिए रोजगार हेतु बहुत से फैसले लिए हैं। लगभग 40 हजार लोगों को नौकरी देंगे व इतने ही लोगों को रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रहे हैं। लगभग 12 हजार लोगों को नौकरी दे चुके हैं। हमने अधीनस्थ चयन आयोग का निर्माण किया। हम जल संचय के लिए वाटर बोनस दे रहे हैं। पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं। हमें खेती, शिक्षा व शिल्प पर प्राथमिकता देनी होगी।
पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि सहस्त्रधारा में पार्किंग बनने से पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को सहूलीयत होगी। हमारी सरकार उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन की भावना के अनुरूप काम कर रही है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से उत्तराखण्डी पहचान को स्थान मिल रहा है। अब बाहर के लोग भी हमारे मंडुवे झंगोरा से परिचित हो रहे हैं।
सचिव शैलेश बगोली ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 27 करोड़ 78 लाख रूपए की लागत से बनने वाली इस पार्किंग की क्षमता 120 कारों व 35 बसों की है। इसमें ग्राउंड प्लस वन फ्लोर कवर्ड पार्किंग का निर्माण होना है। इसमें रेस्टोरेंट, शौचालय, ड्राईवर, वेटिंग रूम, 90 मीटर लम्बे व 12 मीटर चौड़े स्टील ब्रिज का निर्माण का भी प्राविधान है।
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