हर बात के लिए केन्द्र का मुँह न ताकें राज्य: रमन

रायपुर, 17 फरवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि लगभग पंद्रह साल पहले मध्यप्रदेश के पुनर्गठन से छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद दोनों राज्यों ने विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं, यह हम सबके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रुप में मध्यप्रदेश आकर छत्तीसगढ़ के विकास की बात करना ठीक उसी तरह है, जैसे बड़े भाई के समक्ष छोटे भाई द्वारा 15 साल के अपने कार्यों का हिसाब देना। डॉ. रमन सिंह आज इंदौर (मध्यप्रदेश) में ’छोटे राज्य, जटिलताएं एवं संभावनाएं विषय’ पर आयोजित व्याख्यान माला को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज से डेढ़ दशक पहले पलायन और भुखमरी से मौत के कारण चर्चा में रहने वाला छत्तीसगढ़ अब देश में सबसे तेज गति से विकास की ओर अग्रसर राज्य के रूप में अपनी ख्याति अर्जित कर रहा है। छत्तीसगढ़ पलायन और भुखमरी की पीड़ा से मुक्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि छोटे और बड़े राज्य के विकास मॉडल पर चर्चा के बजाय सही आकार, संसाधन, राजनैतिक नेतृृत्व, प्रशासनिक दक्षता और शासन के दृष्टिकोण (विजन) को राज्यों के निर्माण का आधार बनाया जाना चाहिए। व्याख्यान माला का आयोजन मीडिया सम्मेलन के अंतर्गत इन्दौर प्रेस क्लब द्वारा किया गया।

डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर आगे कहा कि राज्यों के निर्माण के समय यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि वह अपने विकास के लिए स्वयं पर निर्भर हो और उसे हर बात के लिए केन्द्र सरकार का मुॅह न ताकना पड़े । उन्होंने कहा कि राज्यों का विभाजन पीड़ादायक होता है और यह देखना आवश्यक है कि राष्ट्रीय नेतृृत्व किस आधार पर इसके गठन का निर्णय ले रहा है । देश में राज्यों के गठन के दो उदाहरण हमारे सामने हैं, एक ओर पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दूरदर्शी तरीके से छत्तीसगढ़, झारखण्ड और उत्तराखंड राज्यों का गठन किया और दूसरी और किस पीड़ाजनक तरीके से तेलंगाना का गठन हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में बस्तर जैसे अंचल के लोगों को संस्कृृति संरक्षण का बहाना बनाकर जानबूझकर विकास और उन्नति के अवसरों से वंचित नहीं रखा जा सकता। आज बस्तर अंचल विकास और परिवर्तन की राह पर है और दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) और सुकमा जैसे जिले विकास और उन्नति के नये प्रतिमान बन कर उभरे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज हम छत्तीसगढ़ में सड़क, रेल और विमान यातायात सुविधाओं के विकास तथा डिजीटल कनेक्टिविटी पर तेजी से काम कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, कौशल उन्नयन और आजीविका सृृजन के क्षेत्र में भी हम नित नये प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं।