जयपुर, 22 जुलाई (जनसमा)। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि है प्रत्येक व्यक्ति पांच-पांच पौधे लगाएं और अपनी संतान की तरह उनकी परवरिश करें। राजे ने गुरूवार को झालावाड़ जिले के रूपपुरा बालदिया गांव से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में 67वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए आमजन से प्रदेश को हरा-भरा बनाने में योगदान देने की अपील की। वन महोत्सव के दौरान पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के लिए चिन्हित स्थानों पर 25 लाख पौधे लगाये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने झालावाड़ के ही धानोदी औद्योगिक क्षेत्र में श्री वल्लभ पित्ती ग्रुप द्वारा लगाई गई 450 करोड रूपये की पॉलिस्टर एवं कॉटन ब्लेन्डेड यार्न इंडस्ट्रीज का उद्घाटन भी किया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पेड़ों के बचाने के लिए लोगों ने अपनी जान तक दे दी। अमृता देवी ने खेजड़ी वृक्ष की रक्षा के लिये अपना सिर कटवा दिया। आज पूरा राजस्थान उनको याद करता है। राजे ने अग्नि पुराण का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि 10 कुएं खुदवाने से जितना पुण्य मिलता है, उतना पुण्य एक बावड़ी बनाने से मिलता है तथा 10 बावड़ी बनाने जितना पुण्य एक तालाब बनाने से मिलता है। 10 तालाब बनाने के बराबर पुण्य एक कन्या का विवाह करने से मिलता है तथा 10 कन्याओं के विवाह करने जितना पुण्य एक पेड़ लगाने से मिलता है। अतः हम सभी लोग पेड़ लगाकर इतना सारा पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
वसुन्धरा राजे ने कहा कि वन महोत्सव में जो पौधे लगाए जायेंगे उनकी जिओ टैगिंग भी की जायेगी ताकि पौधों की पहचान सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि पौधों की उचित देखभाल हो सके इसके लिए वन महोत्सव कार्यक्रम को नरेगा से जोड़ा जा रहा है। जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण में सर्वेक्षण दल को नया मोबाइल सॉफ्टवेयर ’वे पॉइंट’ उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे जल स्वावलम्बन कार्याें का मुख्यालय से अवलोकन किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग भी प्रदेश में 61 हजार हेक्टेयर भूमि पर करीब ढाई करोड़ पौधे लगायेगा।
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