सिलीगुड़ी, 17 मार्च (जनसमा)। भारत और बांग्लादेश के बीच गुरूवार को दोस्ती की नई इबारत लिखी गई जब पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सिलीगुड़ी से बांग्लादेश के पर्बतीपुर (नुमलीगढ़) के लिए हाई स्पीड डीजल मालगाड़ी को रवाना किया।
यह मालगाड़ी 516 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 19 मार्च को पर्बतीपुर (नुमलीगढ़) पहुंचेगी जहां बांग्लादेश के विद्युत, ऊर्जा और खनिज संसाधनों के मंत्री नसरूल हामिद उसकी अगवानी करेंगे। इस मौके पर बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त हर्षवर्धन सिंगला भी मौजूद रहेंगे।
यह मालगाड़ी अपने साथ सद्भावना के रूप में 2200 मीट्रिक टन सल्फर लेकर बांग्लादेश रवाना हुई। दोनों देशों की सरकार के बीच विचार-विमर्श के बाद यह संभव हुआ।
सिलीगुड़ी से पर्बतीपुर, रोहनपुर, सिंगाबाद और रंगपानी होते हुए यह रेलगाड़ी 516 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इसमें भारत में 253 किलोमीटर और बांग्लादेश में 263 किलोमीटर की यात्रा शामिल है।
मौजूदा माल ढुलाई भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री और सहयोग का प्रतीकात्मक प्रतीक है। जून 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सफल बांग्लादेश दौरे के दौरान भारत और बांग्लादेश ने बांग्लादेश को हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति सिलीगुड़ी से पर्बतीपुर तक करने के लिए पाइपलाइन निर्माण संबंधी क्रय-विक्रय समझौते का स्वागत किया था।
यह भी सहमति बनी थी कि ‘भारत–बांग्ला मैत्री पाइपलाइन’ को लागू करने की दिशा में मिलजुल कर काम किया जाएगा। 135 किलोमीटर लंबी इस पाइनलाइन का 5 किलोमीटर का हिस्सा भारत में पड़ता है और बाकी 130 किलोमीटर बांग्लादेश में पड़ेगा। इससे सिलीगुड़ी से पर्बतीपुर तक 1
इस समय बांग्लादेश अपने पेट्रोलियम उत्पादों की जरूरत पूरी करने के लिए चिटगांव बंदरगाह तक आयात पर निर्भर है। इसके बाद इन उत्पादों को नदी मार्गों के जरिये देश के बाकी हिस्सों में पहुंचाया जाता है।
एक बार नुमलीगढ़ संयंत्र का विस्तार मौजूदा 3 एमएमटीपीए से 9 एमएमटीपीए तक पूरा होने के बाद भारत बांग्लादेश को नियमित और दीर्घ अवधि के आधार पर पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करने की स्थिति में होगा।
पाइपलाइन के निर्माण से पहले सिलीगुड़ी से पर्बतीपुर के बीच रेल मालगाड़ी से परिवहन ज्यादा असरदार भी होगा। साथ ही, इससे न्यूनतम नुकसान और प्रदूषण भी होगा।
आयोजन के दौरान लोकसभा में दार्जिलिंग के सांसद एस एस आहलुवालिया, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, विदेश और रेल मंत्रालयों और सीमा शुल्क, राज्य और नुमलीगढ़ रिफायनरी लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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