रायपुर, 03 अगस्त। छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा गठित हाथी मित्र दलों द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त कर निगरानी रखी जा रही है। साथ ही उनके द्वारा विभागीय स्थानीय अमला और वन प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ ग्रामीणों को हाथी से बचाव के लिए आवश्यक समझाईश दी जा रही है।
विगत लगभग 5 वर्षों से कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत एतमानगर, केन्दई, जटंगा तथा पसान आदि वन परिक्षेत्रों में हाथियों का विचरण लगातार होता रहा है।
वर्तमान में 44 हाथियों के दो दल इन परिक्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं। इनमें 33 हाथियों का एक दल पसान, जटंगा वन परिक्षेत्र होते हुए एतमानगर परिक्षेत्र के गुरसियां वृत्त के बंजारी ग्राम के आस-पास विचरण कर रहा है।
इसके अलावा 11 हाथियों का एक और दल भी एतमानगर वन परिक्षेत्र के पोंड़ी सर्किल मानगुरू पहाड़ में विचरण कर रहा है।
वनमंडलाधिकारी सुश्री शमा फारूखी ने बताया कि इस दौरान कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत हाथी मित्र द्वारा प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामों में गश्त लगाकर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
इसके अलावा रात्रि में हाथियों के ग्राम के नजदीक आ जाने पर ग्रामीणों को आवश्यकतानुसार पक्के स्कूल भवन अथवा ग्राम पंचायत आदि पक्के भवनों में ठहराया जाता है। साथ ही समय-समय पर नुक्कड नाटक आदि के माध्यम से लोगों को हाथियों से सुरक्षा तथा बचाव के उपायों के बारे में भी अवगत कराया जाता है।
हाथियों से बचाव के लिए गांव के बाहरी सीमा में आग जलाकर उसे गांव में आने से रोकने के उपाए भी किए जाते हैं। इसके अलावा वन विभाग द्वारा प्रभावित ग्रामों में हाथियों द्वारा हुई फसल क्षति पर उनके शीघ्रता से प्रकरण तैयार कर मुआवजा के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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