सूरत, 15 जुलाई | देशद्रोह के मामले में पिछले 9 महीने से लाजपुर जेल में बंद पटेल (पाटीदार) आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल शुक्रवार को रिहा हो गए। इस दौरान जेल के बाहर हार्दिक के सैकड़ों समर्थक ‘गब्बर इज बैक’ लिखे हुए पोस्टर लेकर खड़े नजर आए। गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक को राजद्रोह और एक आगजनी से संबंधित मामलों में जमानत दी है। उन्हें सरकारी नौकरियों में पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के लिए एक जनांदोलन का नेतृत्व करने की वजह से गिरफ्तार किया गया था।
उन्हें जमानत इस शर्त पर मिली है कि वह इन दोनों मामलों के तहत छह महीनों तक गुजरात से बाहर रहेंगे।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के एक नेता और हार्दिक पटेल के एक करीबी सहयोगी दिनेश बामानिया ने कहा, हार्दिक पटेल ने राजस्थान के उदयपुर में अगले छह महीने बिताने की योजना बनाई है, क्योंकि वह गुजरात के करीब है।
हार्दिक को रिहाई के बाद दो दिनों तक गुजरात में रहने की अनुमति मिली है, इसलिए इन दो दिनों को सबसे खास बनाने के लिए उनके समर्थकों ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
पीएएएस के प्रवक्ता ने बताया, 23 वर्षीय हार्दिक पटेल की अगले 48 घंटे में 2,150 किलोमीटर क्षेत्रों को कवर करते हुए 12 सार्वजनिक बैठकों, सात रोड शो और दो प्रमुख रैलियों को संबोधित करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “वह इन दो दिनों में सूरत, राजकोट, बोटाड, वीरमगाम और अपने गृहनगर में 15 लाख लोगों को संबोधित कर सकते हैं।”
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