हिमाचल की वार्षिक योजना में 400 करोड़ रुपये की वृद्धि

शिमला, 04 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए प्रदेश की राज्य वार्षिक योजना 5200 करोड़ रुपये प्रस्तावित की गई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इसमें 400 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री वर्ष 2016-17 के बजट की प्राथमिकताओं के निर्धारण के लिये  आज यहां सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों के विधायकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत सरकार ने केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत 90ः10 के अनुपात में धनराशि उपलब्ध करवाना बहाल कर दिया है। राज्य सरकार केन्द्रीय सरकार के अनुदान आधारित कार्यक्रमों के अन्तर्गत विधायकों की प्राथमिकताओं के लिये धनराशि प्राप्त करने को प्राथमिकता देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में अवांछित विलम्ब रोकने के लिये राज्य सरकार ने डीपीआर को आउटसोर्स आधार पर तैयार करने का प्रावधान वर्तमान बजट में किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास निगम की स्थापना की गई है और विभिन्न कौशल उन्ययन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिये 640 करोड़ रुपये की योजना को सैद्धान्तिक रूप से मंजूरी प्रदान की गई है।

वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक नाबार्ड को डीपीआर भेजने की अधिकतम सीमा को प्रति विधानसभा क्षेत्र 50 करोड़ से 60 करोड़ बढ़ाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विधायकोें की प्राथमिकताओं को विशेष तरजीह देने के लिए विभागों को निर्देश दिए। उन्होंने सड़क परियोजनाओें की त्वरित मंजूरी सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण, वन तथा राजस्व विभागों की संयुक्त बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुरानी सिंचाई योजनाओं एवं हैंडपंपों की समुचित मुरम्मत के भी निर्देश दिए।

उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में यह निश्चित किया जाए कि लोग उपयुक्त सेप्टिक टैंकों का निर्माण करें तथा उनकी समुचित सीवरेज कनेक्टिविटी भी हो, अन्यथा उनके पानी और बिजली के कनेक्शन काट दिए जाएं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. कर्नल धनी राम शांडिल ने राज्य में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए केरला की सौर विद्युत ऊर्जा फैंसिंग परियोजना को अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह माॅडल बागवानी एवं कृषि उत्पादों के नुकसान को बचाने में प्रभावी सिद्ध हो सकता है।

मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर, जो जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने मुख्यमंत्री से सड़कों की बेहतर स्थिति सुनिश्चित करने के लिए बर्फीले क्षेत्रों में सड़कों को पक्का करने के मानदंडों में छूट प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के लिए चम्बा, पतली कूहल और खड़ा पत्थर में स्वीकृत तीन शीतल भंडारणों के निर्माण के लिए अपीडा को धनराशि जारी करने की मांग की। उन्होंने टिक्कर काॅलेज भवन के निर्माण के लिए धनराशि का प्रावधान तथा स्कूल प्रबन्धन समिति के माध्यम से बर्फीले क्षेत्रों में अध्यापकों के पद भरने के मानदंडों में छूट देने का भी आग्रह किया।

रोहित  ठाकुर ने विधानसभा क्षेत्र में 52 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना का कार्य शीघ्र आरम्भ करने का आग्रह किया।