शिमला 13 जनवरी । गौवंश में भ्रूण हस्तांतरण तकनीक की विशेषज्ञता हासिल कर हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग ने एक नया आयाम स्थापित किया है। इस तकनीक के माध्यम से पूर्व में संकर प्रजाति के बछड़ों की पैदावार के अतिरिक्त, अब जर्सी नसल के सेरोगेट मदर से रेड सिंधी भ्रूण का प्रयोग कर इससे देसी नसल की रेड सिंधी नसल की बछिया पैदा की जा सकेंगी।
पशुपालन मंत्री अनिल शर्मा ने आज यहां कहा कि 28 दिसम्बर 2015 को पैदा हुई देसी नस्ल की रेड सिंधी किस्म की बछिया, भ्रूण हस्तांतरण तकनीकी प्रयोगशाला, पालमपुर के पशु चिकित्सज्ञों का कमाल है। इन चिकित्सकों ने जर्मनी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस बछिया के मातृत्व की अवस्था में उच्च अनुवांशिक क्षमता वाले देसी नस्ल की बछिया अथवा बछड़ा पैदा होंगे।
शर्मा ने कहा कि भ्रूण हस्तांतरण तकनीक प्रजनन टेक्नोलोजी में एक महत्वपूर्ण खोज है जिसमें उच्च नसल की गाय, जिसे डोनर कहा जाएगा, से अंडाणु प्राप्त करके इसे सेरोगेट मदर में भ्रूण विकास के लिए हस्तांतरित किया जाएगा।
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