शिमला, 10 मई (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि विश्व बैंक द्वारा 1185 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई है और इस योजना को शीघ्र ही प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। इस योजना से किसानों व बागवानों को कृषि बागवानी तकनीक सीखने के पर्याप्त अवसर प्राप्त होंगे और वे सेब के अलावा अन्य फलों की विभिन्न किस्मों का उत्पादन भी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री सोमवार सांय कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा यहां ढली में आयोजित एक कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के आग्रह पर विश्व बैंक ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है और यह परियोजना लगभग इसी वर्ष आरम्भ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि, बागवानी व पुष्प उत्पादन ग्रामीण लोगों का मुख्य व्यवसाय है और यह परियोजना प्रदेश के किसानों व बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने मेें सहायक सिद्ध होगी। इस परियोजना में बागवानों की सुविधा के लिए प्रशिक्षण अवधारणा को शामिल करने के साथ.साथ उन्हें नवीनतम तकनीक से परिचित कराने के लिए भ्रमण पर भी भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फलों व सब्जियों के विपणन में आढ़तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसके अलावा वे किसानों से उत्पाद के क्रय व विक्रय में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि खेती.बाड़ी के तरीकों में बदलाव आया है और लोग गैर.मौसमी सब्जियों को उगाकर अच्छी कमाई कर रहे हैंए जिससे ग्रामीण आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में अनेक विपणन मण्डियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और प्रदेश सरकार वर्तमान विपणन मण्डियों के आधुनीकीकरण के लिए वचनबद्ध है और किसानों की जरूरतों के अनुसार जहां आवश्यक हुआए वहां नई मण्डियां खोलने की भी योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्षों में कृषि क्षेत्र में अनेक वैज्ञानिक तकनीकें विकसित हुई हैं और प्रदेश के किसान इन नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर अपने उत्पादों की गुणवत्ता व मात्रा को बढ़ा सकते हैं।