शिमला, 15 फरवरी। हिमाचल के खाद्य, नागरिक आपूति एंव उपभोक्ता मामले मंत्री जी.एस. बाली ने कहा कि डिजिटल राशनकार्ड परियोजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एक बड़े सुधार की प्रक्रिया है। यह केन्द्र और राज्य सरकारों की समान रूप से प्रायोजित योजना है। वर्तमान में, प्रदेश भर के उपभोक्ताओं को विभाग द्वारा डिजिटाईज़ड विवरण को सत्यापित करने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर से बैंक खाते का ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है तथा अतिरिक्त विवरण एकत्र करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी भविष्य में आवश्यकता पड़ेगी।
आधार नम्बर के सम्बन्ध में श्री बाली ने कहा कि इसे डिजिटल राशनकार्ड परियोजना के अन्तर्गत अनिवार्य नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों का आधार नम्बर नहीं है, उन्हें इसे उपलब्ध करवाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति बाद में आधार नम्बर प्राप्त करता है, इसे डिजिटल राशनकार्ड डाटा बेस में शामिल किया जा सकता है।
बाली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत नकद अनुदान के पक्ष में नहीं है। राज्य सरकार प्वांईट आॅफ सेल के कार्यान्वयन के माध्यम से उपभोक्ताओं को राशन उपलब्ध करवाने की परम्परा को जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्यों को राशन उपलब्ध करवाने अथवा नकद अनुदान उपलब्ध करवाने का विकल्प दिया है ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत सही लाभार्थियों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने वित्तीय एवं तकनीकी व्यावहारिकता जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है, के आधार पर प्वाइंट आॅफ सेल माॅडल का विकल्प अपनाया है।
मंत्री ने राज्य के लोगों को इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत विभिन्न सुधार प्रक्रियाओं में विभाग का सहयोग करने का आग्रह किया है।
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