शिमला, 17 जनवरी । हिमाचल प्रदेश में इस बार बर्फबारी न होने से हजारों करोड़ के सेब की फसल एवं कारोबार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जनवरी का आधा महीना समाप्त हो गया है, लेकिन राज्य में पर्याप्त बर्फबारी नहीं हुई है। सेब राज्य की आर्थिकी का प्रमुख स्त्रोत है। यहां सेब का लगभग 3200 करोड़ रूपये का सालाना कारोबार होता है। राज्य के सात जिलों में सेब की पैदावार होती है।
शिमला में जनवरी महीने में अभी तक केवल छह सेंटीमीटर हिमपात हुआ है और ये पिछले वर्ष की इसी अवधि से काफी कम है। इसी तरह जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति व किन्नौर में भी सामान्य से कम हिमपात दर्ज किया जा रहा है और प्रकृति के बदलते रूख से लोग चिंतित हैं। मौसम की बेरूखी से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित होने से बागवानों को करोड़ों की चपत लग सकती है।
आगामी दिनों में भी मौसम के शुष्क बने रहने से राज्य में सेब फसल के चैपट होने के आसार हैं।गत वर्ष सेब की अच्छी फसल होने से बागवानों की अच्छी कमाई हुई थी। इस बार मौसम साथ नहीं दे रहा है।
शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्र कोटखाई के एक बागवान का कहना है कि सेब की अच्छी पैदावार के लिए समय-समय पर वर्षा तथा सर्दियों में बर्फबारी का होना आवश्यक है। पौधों की नमी लंबे समय तक बनी रहे, इसके लिए सर्दियों में जमकर बर्फबारी पौधों के के लिए रामबाण साबित होती है।
इस बीच राजधानी शिमला व राज्य के अन्य क्षेत्रों में आज भी आसमान साफ है और धूप खिली हुई है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार सप्ताह भर तक मौसम ऐसा ही रहेगा। -एजेंसी
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