हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भूस्खलन (Landslides) और बारिश (Rains) से मरने वालों की संख्या बुधवार शाम तक 71 हो गई है। कांगड़ा में बांध में पानी भर जाने से 1,700 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। शिमला में कई मकान ढह गए हैं और कई ढहने की कगार पर हैं।
शिमला , 17 अगस्त। हिमाचल प्रदेश बीते कई दिनों से प्रकृति के प्रकोप की मर झेल रहा है। मूसलाधार बारिश और बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ के कारण 71 लोगों की दुखद मौत हो चुकी है।
हिमाचल के प्रमुख सचिव ओंकार शर्मा के अनुसार बुधवार को
कांगड़ा जिले में, पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण विशाल क्षेत्र जलमग्न हो गया है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलना पडा है और अब तक 1,700 से अधिक लोगों को जिला प्रशासन, सेना और वायुसेना के संयुक्त प्रयास से सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
शिमला अपने स्वयं के संकट का सामना कर रहा है. शिमला के कृष्णानगर इलाके में बुधवार को भूस्खलन के बाद घर ढह गए
हैं। उधर शहरी विकास विभाग की छह मंजिला इमारत के पीछे स्थित संरचना के लिए एक आसन्न खतरा है।
मंगलवार को कृष्णा नगर इलाके में त्रासदी हुई, एक बड़े भूस्खलन के कारण नगर निगम का बूचड़खाना और कई अन्य घर ढह गए, जिसमें दो लोगों की जान चली गई। इमारतों के ढहने के खतरे को देखते हुए, क्षेत्र के 35 से अधिक घरों को खाली करा लिया गया।
भूस्खलन से मंदिर में 7 लोगों का परिवार दब गया है।
शिमला के समर हिल इलाके में प्रसिद्ध शिव बावड़ी मंदिर में हुए भारी भूस्खलन के मलबे से खोज टीमों ने बुधवार को 13वां शव बरामद किया। सोमवार की सुबह इस आपदा ने सात लोगों के एक परिवार, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों और लगभग दो दर्जन भक्तों को लील लिया था ।
यह त्रासदी सुबह 7.15 बजे के आसपास घटी। यहाँ मंदिर में श्रावण के पवित्र महीने के दौरान श्रद्धालुजन प्रसाद लेने के लिए एकत्र हुए थे।