हिमाचल सरकार ने व्यापारियों को अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई: वीरभद्र

शिमला, 27 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यापारियों के साथ अपनी वचनबद्धता के अनुरुप ‘डीम्ड आकलन प्रणाली’ को आरम्भ किया है। यह सुविधा उन व्यापारियों के लिये आरम्भ की गई है, जिनका व्यापार एक करोड़ रुपये तक है और उन्हें जटिल आकलन प्रक्रिया के साथ-साथ आबकारी एवं कराधान कार्यालयों में नियमित रूप से जाने की आवश्यकता न रहे। इसके अतिरिक्त, आंकलन समय सीमा जो पहले 30 नवम्बर थी, को भी बढ़ाकर 20 मार्च तक किया गया है।

मुख्यमंत्री आज यहां व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिना किसी रूकावट के सामान की आवाजाही को सुनिश्चित बनाने के दृष्टिगत राज्य में प्रवेश करने वाले ट्रक, जिनके पास सामान का पूर्ण आॅन लाइन ब्यौरा है, को अब बैरियरों पर रोकने की आवश्यकता नहीं होगी। व्यापारियों के साथ इस सम्बन्ध में अपने आश्वासन को पूरा करते हुए प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी की है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न अधिनियमों के अन्तर्गत अलग-अलग रिटर्नज़ को अपलोड करने की कठिनाईयों से निजात पाने को व्यापारियों की सुविधा के लिये आबकारी एवं कराधान विभाग ने काॅमन लाॅग-इन आईडी आरम्भ की है जिसके तहत व्यापारी अपनी सभी रिटर्नें अपलोड कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान मेें ढाबा, हलवाई, चाय एवं चाट की दुकान वालों को वैट की अदायगी से छूट प्रदान की गई है। यद्यपि उनका व्यापार पांच लाख रुपये से कम है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष से छूट की यह सीमा बढ़ाकर आठ लाख रुपये की गई है।

उन्होंने कहा कि लगभग 47 हजार ऐसे छोटे व्यापारी है जिनका व्यापार 25 लाख रुपये से कम है और वे सरकार को कर की अदायगी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यापारियों को दो लाख रुपये के समूह दुर्घटना बीमा छत्र के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया गया है तथा प्रीमियम की अदायगी प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने वायदे के अनुरुप ट्रकों एवं बसों की बाॅडी बनाने पर वैट को 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया है। प्रदेश सरकार ने व्यापारियों के लिये मूल्य संवर्धित कर (वैट), केन्द्रीय बिक्री कर (सीएसटी) तथा प्रवेश कर के लिये संयुक्त रिटर्न भरने की सुविधा प्रदान की है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार ने वैट तथा सीएसटी की आॅन लाईन अदायगी भी आरम्भ की है ताकि व्यापारियों को अनावश्यक तौर पर बैंकों के चक्कर न काटने पड़े। ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टीईआरआई) अथवा नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत सौर चूल्हों को वैट में छूट दी गई है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि जून, 2015 से 40 से अधिक बैंक, साईबर कोष से सम्बद्व किए गये हैं ताकि व्यापारी किसी भी बैंक से अपनी आयकर रिटर्न भर सके। उन्होंने कहा कि इसके पश्चात इन व्यापारियों ने, जिन्होंने वार्षिक कर ब्यौरा डिजीटल हस्ताक्षर के साथ प्रस्तुत किया है, को हार्ड काॅपी प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसे व्यापारी जिनके पास यह सुविधा नहीं है, को भी यही सुविधा उपलब्ध होगी जिसके लिये उन्हें आबकारी विभाग की वैबसाईट से एक बार ही पासवर्ड दिया जाएगा। इसके पश्चात, उन्हें कर ब्यौरे की हार्ड काॅपी देने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

बैठक में सहकारी समितियों को भी वैट अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत किये जाने पर चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वस्तु क्रय पर इनपुट टैक्स क्रेडिट को निर्धारित करने के लिये विभागीय समिति गठित की जाएगी ताकि व्यापारी राशि के दावे के लिये हकदार हो सके। 25 लाख रुपये तक का व्यापार करने वाले व्यापारी तथा जो अन्तर्राजीय व्यापार कर रहे हैं, को भी लम्प-सम योजना के दायरे में लाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यापारियों की समस्याओं से भलीभांति परिचित है तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिये कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत तीन वर्षों के दौरान व्यापारियों को अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं।