शिमला, 17 फरवरी। महिला विकास निगम निदेशक मण्डल की 40वीं बैठक शिमला में हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम ने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान गरीब एवं ज़रुरतमन्द महिलाओं को चार करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये हैं, जबकि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 31 जनवरी, 2016 तक 414 महिला लाभार्थियों को 344.50 लाख रुपये के ऋण वितरित किए हैं तथा मार्च अन्त तक कुल 500 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। यह जानकारी आज यहां आयोजित हि.प्र. महिला विकास निगम की 40वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने दी।
डा. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण एवं कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है तथा महिलाओं के लिये अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गरीब एवं ज़रुरतमन्द महिलाओं को स्वरोज़गार अपनाने के लिये प्रेरित किया जाना चाहिए और इसके लिये विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
उन्होंने निगम को शिक्षा के लिये प्रदान की जाने वाली ऋण राशि में बढ़ौतरी करने तथा एकल नारी को प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब एवं एकल महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों का गठन करने बारे में उनमें जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि इन महिलाओं को स्वरोजगार के लिये सहायता प्रदान की जा सके।
उन्होंने कुछ अन्य राज्यों की तर्ज पर बैंको के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में ऋण उपलब्ध करवाने की रुपरेखा तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिये ऋण प्रक्रिया को और सरल बनाया जाना चाहिए तथा महिलाओं को ऐसे ऋण पर ब्याज 4 प्रतिशत से अधिक न हो। हालांकि, ब्याज पर निगम अनुदान प्रदान कर रहा है।
बी.ओ.डी. निदेशक धर्मिला हरनोट की मांग पर मंत्री ने उनके क्षेत्र में बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं प्रदेश के अन्य स्थानों में भी आयोजित की जाएंगी। कार्यशालाओं में विशेषकर गरीब एवं एकल महिलाओं के लिये कार्यान्वित की जा रही कल्याणकारी योजनाओं तथा स्वरोजगार अपनाने के लिये ऋण सम्बन्धी जानकारी दी जाएगी। इसके पश्चात, डा. शांडिल ने निगम की आम वार्षिक बैठक की अध्यक्षता भी की। उन्होंने निमग को इस बैठक को समय पर करने के निर्देश दिये।
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