वाशिंगटन, 7 जुलाई | अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि हिलेरी क्लिंटन के निजी ईमेल के इस्तेमाल ने पूरे देश को खतरे में डाल दिया। बीबीसी के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार हिलेरी के खिलाफ आपराधिक आरोपों की संस्तुति नहीं करने का एफबीआई का फैसला इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि व्यवस्था अब भी धोखे वाली है।
हिलेरी और ट्रंप अपनी-अपनी पार्टी के नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के संभावित उम्मीदवार हैं। इसी माह बाद में इन्हें आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है।
एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमे ने कहा, “संवेदनशील सूचनाओं से जिस तरह से व्यवहार किया गया, उसमें हिलेरी की लापरवाही है, लेकिन आपराधिक आरोपों को लेकर कोई मामला नहीं है, क्योंकि इरादे के बारे में कोई साक्ष्य नहीं है।”
ट्रंप इस बात से असहमत हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था हिलेरी को बचाने के लिए बनाई गई है। हिलेरी ने पूरे देश को खतरे में डाल दिया और संभवत: सारी सूचनाएं हैक कर ली गईं।
ट्रंप ने कहा, “हिलेरी का फैसला भयानक है। वह ऐसी ही खराब राष्ट्रपति होंगी और लोग भी।”
उन्होंने कहा कि अटार्नी जनरल लोरेटा लिंच को रिश्वत दी गई है। उनसे कहा गया है कि हिलेरी को अभियोजन से बचने देने के बदले उनकी नौकरी बरकरार रहने देने का वादा किया गया है।
ट्रंप ने इराक के दिवंगत नेता सद्दाम हुसैन का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, “सद्दाम हुसैन बुरा आदमी था, लेकिन आप जानते हैं कि उसने क्या अच्छा किया? उसने आतंकियों की हत्या की। उसने यह काम बहुत अच्छी तरह से किया।”
रिपब्लिकन पार्टी के अन्य नेताओं ने भी एफबीआई के फैसले की आलोचना की। सदन के अध्यक्ष पॉल रयान ने कहा कि य रुख “बयान का उल्लंघन है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं के बिना विचारे लापरवाही से इस्तेमाल और उसके प्रसारण को लेकर हिलेरी के खिलाफ मुकदमा चलाने से इनकार एक एक डरावनी मिसाल कायम करेगा।
गत वर्ष मार्च में एक संवाददाता सम्मेलन में हिलेरी ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ओबामा प्रशासन में विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान करीब 60 हजार ईमेल का आदान-प्रदान अपने निजी खाते से किया था। उनमें से करीब आधे निजी थे, जिन्हें खत्म कर दिया गया है।
–आईएएनएस
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