हेट स्पीच (hate speech) मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्त आदेश देते हुए 28 अप्रैल, 2023 को राज्यों से कहा- बिना शिकायत खुद कार्रवाई करें।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि उसका 21 अक्टूबर, 2022 का आदेश धर्म के बावजूद लागू किया जाएगा। पीठ ने यह भी चेतावनी दी कि मामला दर्ज करने में किसी भी तरह की देरी को अदालत की अवमानना माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिना किसी शिकायत के स्वत: संज्ञान लेकर दिशा-निर्देश लेने का आदेश दिया।
हेट स्पीच को सुप्रीम कोर्ट ने देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर अपराध करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2022 के आदेश के दायरे को तीन राज्यों से आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिना किसी शिकायत के अभद्र भाषा के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने का आदेश दिया।
जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्न की पीठ ने अभद्र भाषा को “देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर अपराध” करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि आदेश को धर्म की परवाह किए बिना निष्पादित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाषण देने वाले व्यक्ति के धर्म के बावजूद इस तरह की कार्रवाई की जाएगी ताकि प्रस्तावना द्वारा परिकल्पित भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को संरक्षित किया जा सके।