लखनऊ, 18 जनवरी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेह होसबोले ने राजधानी लखनऊ के निरालानगर में चल रही बैठक के तीसरे दिन संघ के आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। संघ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने भाजपा को जहां सर्व समाज के लेकर चलने की नसीहत दी। वहीं संघ के अन्य आनुषांगिक संगठनों को समाज में स्वीकार्यता बढ़ाने के निर्देश दिये।
दत्तात्रेय होसबोले ने भाजपा पदाधिकारियों से विगत दिनों प्रदेश में संपन्न हुए कार्यक्रमों और आगामी रणनीति के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा किसानों के मुद्दे पर प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अख्त्यिार ने करने के लिए खिंचाई भी की। संघ नेता ने कहा कि भाजपा नेताओं को आगाह किया कि ग्राम से लेकर प्रदेश इकाईयों में सर्व समाज की भागीदारी होनी चाहिए। किसी भी वर्ग की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अन्य आनुषांगिक संगठनों को निर्देश देते हुए कहा कि इस समय संगठन विस्तार के लिए अनुकूल समय है। इसलिए संगठन के कार्य में किसी भी प्रकार ढि़लाई नहीं बरती जानी चाहिए और समाज में स्वीकार्यता बढ़ाने की जरूरत है।
वहीं सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भाजपा में आपसी गुटबाजी और कार्यों पर गहरी नाराजगी जाहिर की । होशबोले ने जानना चाहा कि जब यूपी में रिकार्ड सदस्यता हुई तो मण्डल घट कैसे गए और जिलाध्यक्षों की चुनाव में अनुशासनहीनता के लिए कौन जिम्मेदार है। पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाजी से नाराज होसबोले ने जानकारी चाही कि पिछले दो वर्षो से पिछले दो वर्षों में कार्य करने वाले वह कौन-कौन यूपी भाजपा के नेता है, जिन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ जनहित में संघर्ष किया।
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि बिना भीतरी एकता और आचरण को उतारे न संगठन खड़ा हो पाएगा और न ही सत्ता मिल पाएगी, अकेले नरेन्द्र मोदी के नाम पर जो लोग भरोसा करके बैठे हैं कि उप्रःसहित देश के राज्यों में भाजपा की सरकार गठित होगी, वह लोग यह जान ले कि जिन नेताओं की जितनी सक्रियता होगी, उसी हिसाब से संगठन के समायोजन में स्थान मिलेगा।
सुनील बंसल की हुई खिंचाई
भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल से होसबोले ने पूछा कि पार्टी में पनपे गुटबाजी और असन्तोष को रोकने के लिए आपने क्या किया। वहीं, जो लोग प्रदेश में कारगुजारियों को लेकर भाजपा सरकार और संगठन में आरोपी रहे है, उनको तरजीह क्यों दी गई और ईमानदार और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की क्यों उपेक्षा की गई। इसके अलावा कई लोगों ने सुनील बंसल से संगठन के लोगों से संवादहीनता की भी शिकायत की। सूत्रों की माने तो संगठन मंत्री के खिलाफ लिखित रूप से शिकायत भी मिली है। बैठक में होसबोले ने ही सूबे में युवा नेताओ की कमी और भाजपा नेताओं द्वारा संघ की शाखा से लगातार कन्नीकाटने पर भी सवाल जवाब किया और नाराजगी जाहिर की।(हि.स.)