नई दिल्ली, 23 सितंबर | दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ह्वाट्सएप को नई निजता नीति लागू करने की मंजूरी दे दी, लेकिन कहा कि वह 25 सितंबर 2016 से पहले इकट्ठा किए गए आंकड़ों को साझा नहीं करेगी। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायाधीश संगीता धिंगड़ा सेहगल की खंडपीठ ने कहा कि ह्वाट्सएप अपनी पुरानी निजता नीति के तहत 25 सिंतबर 2016 तक इकट्ठा किए गए आंकड़ों को फेसबुक या किसी अन्य जुड़ी कंपनियों से साझा नहीं करेगी।
अदालत ने कहा कि ह्वाट्सएप द्वारा जबरदस्ती लागू की गई नई नीति के बाद जो प्रयोक्ता अपना ह्वाट्सएप अकाउंट बंद कर लेते हैं, उसका डाटा कंपनी को नष्ट करना होगा।
अदालत ने यह भी कहा कि ह्वाट्सएप को उन सभी प्रयोक्ताओं के आंकड़ों को नष्ट करना होगा, जिन्होंने नई निजता नीति को स्वीकार कर लिया हो।
अदालत ने कहा, “हमें यह तथ्य ज्ञात हुआ है कि ह्वाट्सएप की निजता नीति में उपभोक्ताओं को किसी भी वक्त अपना अकाउंट बंद करने का विकल्प मिलता है। ऐसी स्थिति में कंपनी को अपने सर्वर से भी प्रयोक्ता का डाटा नष्ट करना होगा।”
अदालत ने इसके अलावा केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि ह्वाट्सएप जैसे इंस्टैंट मैसेजिंग एप को सांविधिक नियामक ढांचे के अंतर्गत लाने की संभावना की तलाश करे। –आईएएनएस
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