M S Subbulakshmi

सुब्बुलक्ष्मी और एमजीआर की जन्म शताब्दी पर 100 रू के सिक्के जारी होंगे

MGR

M G Ramchandran

नई दिल्ली, 13 सितंबर (जनसमा)।   भारत सरकार ने  कर्नाटक संगीत की महान् गायिका और भारत रत्न डॉ. एम एस सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के अवसर पर 100 रूपये और 10 रुपये मूल्‍य वर्ग के स्मारक सिक्के जारी करने की अधिसूचना जारी की है।

इसके साथ ही डॉ एम जी रामचंद्रन की जन्म शताब्दी के अवसर पर 100/- और 5/- रु. मूल्‍य वर्ग के स्‍मारक सिक्‍के जारी करने की भी घोषणा की गई है।

श्री षणमुखानंद फाइन आर्ट्स और संगीत सभा ने भारत सरकार से डॉ. एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी के सम्मान में 100/- रूपए और 10/- रुपये मूल्‍य वर्ग के स्मारक सिक्के जारी करने का अनुरोध किया था।

इसी प्रकार तमिलनाडु सरकार से डॉ. एम जी रामचंद्रन के लिए स्मारक सिक्के जारी करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। इन स्मारक सिक्कों की ढ़लाई सिक्‍योरिटी प्रिंटिंग और मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) द्वारा की जाएगी।

डॉ. मदुरई षणमुखावादिवु सुब्बुलक्ष्मी को डॉ. एम.एस. के नाम से भी जाना जाता है। वे कर्नाटक गायिका थी। उनका जन्‍म मद्रास प्रेसीडेंसी के तहत मदुरई में 16/09/1916 को हुआ था। वे भारत रत्न से सम्मानित होने वाली वे पहली संगीतकार थी। वे रमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाली भी पहली भारतीय संगीतकार हैं। इस पुरस्‍कार को अक्‍सर एशिया का नोबल पुरस्कार माना जाता है।

श्री मरुधर गोपालन रामचंद्रन (एम.जी. रामचंद्रन) का जन्म 17 जनवरी 1917 को कैंडी, ब्रिटिश सिलोन (अब श्रीलंका) में हुआ था। वे एक भारतीय अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और राजनीतिज्ञ थे, जिन्‍होंने मुख्य रूप से तमिल फिल्मों में काम किया और लगातार 3 कार्यकाल तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 1936 में ‘सती लीलावती’ फिल्म से एक सहायक कलाकार के रूप में अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत की थी। 1940 के अंत में उन्होंने फिल्‍मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाई और अगले तीन दशकों तक तमिल फिल्म उद्योग में छाये रहे। वे द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) के सदस्य बने और तेजी से शीर्ष पद पर पहुंचे। 1972 में, उन्होंने डीएमके छोड़ दी और अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कज़गम (एडीएमके) के नाम से अपनी पार्टी का गठन किया। 1977 में वे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने और 1988 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।