कोटा के जेके लोन अस्पताल (JK Lon hospital ) में बच्चों की मौत का (Children death) आंकड़ा बढ़कर 102 हो गया है।
राजस्थान में, नए साल के पहले दिन दो और बच्चों की मौत हो गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ( Dr Harsh Vardhan) ने 02 जनवरी, 2020 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) से बात की और उन्हें कोटा में बच्चों की मौत का (Children death) को रोकने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, शीर्ष बाल रोग विशेषज्ञों सहित एक बहु-विषयक विशेषज्ञ टीम को अंतर विश्लेषण के लिए और त्वरित उपाय करने के लिए मंत्रालय द्वारा भेजा जा रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भेजी जा रही उच्च स्तरीय टीम में एम्स जोधपुर, स्वास्थ्य वित्त और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रीय निदेशक, जयपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम कोटा कल पहुंच जाएगी।
अस्पताल अधीक्षक सुरेश दुलारा (Suresh Dulara ) ने इसकी पुष्टि की है।
पिछले तीन दिनों में दस बच्चों की मौत (Children death) हो गई है, क्योंकि 30 और 31 दिसंबर को आठ बच्चों की मौत हो गई और 1 और 2 जनवरी को दो और बच्चों की मौत हो गई।
दुलारा ने कहा कि ये दोनों बच्चे गंभीर रूप से बीमार थे और गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में थे।
इस बीच, जेके लोन के बाल रोग विभाग के प्रमुख अमृतलाल बैरवा ने कहा कि साल के आखिरी दो दिनों में जिन आठ बच्चों की मौत का (Children death) हुई, वे समय से पहले प्रसव के थे, न कि डॉक्टरों के हिस्से में कोई खराबी के कारण।
बैरवा ने कहा कि नवजात शिशुओं का वजन बहुत कम था और उनके रिश्तेदारों ने भी प्रसव के दौरान उचित निर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके कारण गर्भवती माताएं गंभीर हालत में अस्पताल लाई गईंर्।ं।
जेके लोन अस्पताल ने 2019 में 963 मौतें दर्ज कीं। बहुत हंगामे के बाद बनी समिति ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि मौतें अस्पताल में ऑक्सीजन पाइपलाइन की कमी और अत्यधिक ठंड की स्थिति के कारण हुई हैं।
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