केरल में निपाह वायरस के संक्रमण के कारण 12 लोगों की मृत्यु होगई है। इनमें 9 कोझीकोड और 3 मलापुरम के रहने वाले हैं। एक सरकारी रिपोर्ट में जानकारी दीगई है कि रोग से ग्रसित मरीजों की संख्याः 14 है तथा संदिग्ध मरीजों की संख्या 20 है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के नेतृत्व में विशेषज्ञों की केन्द्रीय टीम वर्तमान में केरल में निपाह वायरस के संक्रमण की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रही है।
निपाह वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों से सुरक्षित रहने, साफ-सफाई रखने तथा पशु-पक्षियों का जूठे फल/सब्जियां न खाने एवं संक्रमित व्यक्ति/क्षेत्र के नजदीक जाने पर सावधानी बरतने को कहा गया है।
राज्य सरकार ने भी स्थानीय भाषा में परामर्श जारी किए है। प्रभावित क्षेत्रों में शुरूआत से ही केन्द्रीय और राज्य की टीमों की मौजूदगी और उनके द्वारा निगरानी तथा रोकथाम की कार्रवाई से लोगों में भरोसा बढ़ा है।
निपाह वायरस के संक्रमण से मृत्यु के मामलों की समीक्षा करने के बाद केन्द्रीय उच्च स्तरीय टीम का मानना है कि निपाह वायरस से फैला रोग प्रकोप नहीं, बल्कि मात्र स्थानीय स्तर का संक्रमण है। इसी के अनुसार टीम ने दिशा-निर्देश का प्रारूप तैयार कर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सलाह, आम जनता के लिए जानकारी, जांच के नमूने एकत्रित करने के बारे में सलाह भी जारी की है।
केन्द्रीय टीम ने अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति की समीक्षा करने और रोग के रोकथाम के लिए आगे की कार्रवाई पर विचार-विमर्श के लिए गुरूवार को जिलाधीशों और अस्पताल के चिकित्सा तथा परा-चिकित्सा कर्मचारियों के साथ बैठक की।
रोग नियंत्रण के लिए अब तक किए गए प्रयास सफल रहे हैं, क्योंकि नए क्षेत्रों में यह बीमारी नहीं फैली है। वायरस के सम्पर्क में आने वाले लोगों की पहचान करने की रणनीति भी सफल रही है।
टीम ने अस्पतालों के साथ मरीजों के प्रबंधन और इलाज के बारे में समीक्षा/चर्चा भी की। संदिग्ध मरीजों को कोझीकोड मेडिकल कॉलेज और त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज में रखा गया है।
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