नई दिल्ली, 05 जुलाई (जनसमा)। सरकार का दावा है कि अक्टूबर तक देश के छह राज्यों के 1,137 शहरों एवं कस्बों को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिये जाने के बाद देश के कुल 9 राज्यों में 1,418 शहर एवं कस्बे खुले में शौच मुक्त हो जाएंगे।
जो छह राज्य खुले में शौच मुक्त किये जाएंगे वे हैं मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल और तेलंगाना। इसप्रकार देश के 9 राज्यों के 1,418 शहर एवं कस्बे खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो जाएंगे। आंध्र प्रदेश, गुजरात और चंडीगढ़ ने अपने क्षेत्राधिकार वाले समस्त 281 शहरों और कस्बों को पहले ही ओडीएफ घोषित कर दिया है।
(हमारी टिप्पणी : निस्संदेह सरकार की यह घोषणा न केवल उत्साहवर्द्धक है बल्कि भारतीय समाज की एक ऐसी बुराई से लोगों को मुक्ति मिलेगी जो सालों से वह ढोता आरहा है। क्या वास्तव में इन सभी शहरों और कस्बों के हर घर में शौचालय बन चुके हैं? इसका उत्तर तो सरकार ही दे सकती है किन्तु क्या शताब्दियों पहले की खुले में शौच करने की आदत से समाज ने मुंह मोड़ लिया है? यह समय ही बताएगा कि सच्चाई क्या है और आइने में किसका चेहरा धुंधला हुआ है….सरकार का या समाज का?)
यह राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से नियमित तौर पर प्राप्त हो रही रिपोर्टों पर आधारित है। इस वर्ष 2 अक्टूबर को ही स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तीन साल पूरे हो रहे हैं।
मिशन के तहत तय 2 अक्टूबर, 2019 की समय सीमा से दो साल पहले ही यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा। मिशन के तहत शामिल कुल 4,041 शहरों एवं कस्बों में इन नौ राज्यों की हिस्सेदारी 39 फीसदी है।
शहरी क्षेत्रों में छह राज्यों में कुल 22,44,003 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के निर्माण का लक्ष्य है, जबकि गुजरात, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ ने 9, 51,177 शौचालयों का निर्माण किया है। इन 9 राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों में कुल 31, 9 51,180 शौचालय हैं, जो कि कुल 65,82,451 शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य के 49% हैं।
मध्य प्रदेश, झारखंड और सिक्किम में अब तक के शौचालयों के निर्माण का 100% मिशन लक्ष्य है, इसके बाद उत्तराखंड-92%, महाराष्ट्र -91%, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़ -89%, तमिलनाडु-85%, तेलंगाना -81%, केरल -77%, कर्नाटक -74%, पंजाब -68%, अंडमान एवं निकोबार-67%, बिहार -63%, राजस्थान-61%, उत्तर प्रदेश -49% और हरियाणा -46% है।
सचिव (शहरी विकास) डी. एस. मिश्रा द्वारा की गई स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह जानकारी मिली।
मिशन में शामिल शहरों एवं कस्बों की संख्या महाराष्ट्र में 384, मध्य प्रदेश में 378, छत्तीसगढ़ में 168, केरल में 93, तेलंगाना में 73 और झारखंड में 41 है।
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