नई दिल्ली, 26 जून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 1975 के आपातकाल को देश के लिए काला दिन करार देते हुए कहा कि वह खुश हैं कि देश के लोगों ने हमेशा ही लोकतंत्र को प्राथमिकता दी है। मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 21वें संस्करण में कहा, “मैं खुश हूं कि मेरे देश के लोगों ने हमेशा ही लोकतंत्र को महत्व दिया है। एक समय था, जब लोगों की आवाज दबा दी गई थी, लेकिन आज लोग सरकार के कामकाज को लेकर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं।”
मोदी ने कहा कि लोग अब संपूर्ण लोकतंत्र में हैं। 1975 में एक समय था, जब लोगों की आजादी छीन ली गई थी और लगभग 1,000 राजनीतक कार्यकर्ताओं तथा छात्र नेताओं को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया था।
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र ने हमें ताकत दी है, लेकिन 25-26 जून, 1975 लोकतंत्र के लिए काली रात थी। मैंने हमेशा लोगों से लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास का आग्रह किया है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान देने पर भारतीय विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि युवाओं को विज्ञान एवं शोध को पेशे के रूप में अपनाने की अभी और जरूरत है। उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में हमारे युवा विद्यार्थियों का योगदान देख कर गर्व महसूस होता है। मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी विज्ञान एवं तकनीक को अपने पेशे या काम-धंधे के रूप में चुनें।”
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत हाल में देश में 20 उपग्रह लांच किए जाने का उल्लेख कर की। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश को गौरवान्वित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हालिया उपग्रह लांच में गर्व की बात यह है कि 20 में से 17 विदेशों के उपग्रह थे। क्या यह कमाल की बात नहीं है। हमारे वैज्ञानिक देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।”
मोदी ने देश को वायुसेना में महिला लड़ाकू विमान पायलट के पहले दस्ते को शामिल किए जाने पर भी बधाई दी।
उन्होंने कहा कि सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को देश के कोने-कोने में लागू किया गया है। उन्होंने कहा, “18 जून को वायु सेना में महिला लड़ाकू विमान पायलटों को शामिल किया गया। “
इस दौरान उन्होंने दुनियाभर में पिछले दिनों मनाए गए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सफलता पर भी ध्यान खींचा।
मोदी ने कहा, “अगर हम में से हर कोई स्वयं को योग से जोड़ ले तो योग में पूरी दुनिया को जोड़ने की शक्ति है। हमारे देश में एक लाख से अधिक जगहों पर पूरे उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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