झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 2019 तक राज्य का कोई भी ऐसा गांव नहीं होगा, जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। इससे किसानों को अपनी उपज मंडी तक लाने में आसानी होगी। सरकार 8000 किलोमीटर सड़क का निर्माण करवा रही है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास 4 महिलौंग स्थित फॉरेस्ट ट्रेनिंग स्कूल में वन एवं वन्य प्राणी के संरक्षण एवं विकास हेतु सामाजिक पूंजी सम्मेलन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। छोटी-छोटी योजनाओं में आदिवासी विकास समिति तथा ग्राम विकास समिति को जोड़ा जाएगा। विकास कार्य की राशि समिति के खाते में दे दी जाएगी, जिसके माध्यम से वह गांव के विकास के लिए जरूरी छोटी मोटी योजनाओं को क्रियान्वित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि साथ ही, इस वर्ष के अंत तक राज्य के हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने झारखंड को अपार संपदा दी है। दूसरे राज्यों के मुकाबले हमारे वनों में ना केवल बहुत अधिक प्रकार की प्रजातियां हैं, जिनसे तरह-तरह के उत्पाद बनाए जा सकते हैं। साथ ही, अधिकांश प्रजातियां ऐसी है, जिनको थोड़ी सी सुरक्षा प्रदान करने से ही बिल्कुल डिग्रेड वन भी अपने आप फिर से स्थापित हो जाते हैं। ऐसा राज्य के सैकड़ों ग्रामीण वन समितियों ने करके दिखाया भी है। थोड़े से प्रयास से अधिक से अधिक लाभ की संभावना है।
उन्होंने कहा कि वन उत्पाद को इकट्ठा कर उसे प्रसंस्कृत कर तरह-तरह के उपयोग की वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। सरकार इन्हें बाजार उपलब्ध कराएगी। इससे गांव के गरीब लोगों के अच्छे आमदनी प्राप्त होगी, और उनके जीवन में सुधार आएगा।
रघुवर दास ने सुझाव दिया कि वन एवं वन्य जीवन के संरक्षण के कार्य में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समितियों में स्थान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करने के लिए जन सहयोग लें। इससे योजनाएं समय से पूरी भी होंगी। उन्हें अच्छे तरीके से लागू किया जा सकेगा।
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