भारत के 8 बड़े नगरों में महिला सुरक्षा पर 2900 करोड़ रुपये खर्च होंगे । ये आठ नगर हैं दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता, बैंग्लुरू, हैदराबाद और लखनऊ।
यह जानकारी निर्भया निधि के अंतर्गत अधिकारियों की अधिकार प्राप्त समिति की 14वीं बैठक में दीगई जो गुरूवार 1 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित कीगई थी। इसकी अध्यक्षता महिला व बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने की।
महिला सुरक्षा के लिए स्थापित निर्भया निधि के अंतर्गत भारत के 8 बड़े नगरों में महिला सुरक्षा को कारगर तरीके से लागू करने के लिए 2900 करोड़ रुपये से अधिक की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कीगई है।
निर्भया निधि महिलाओं की सुरक्षा व संरक्षा के लिए प्रस्तावों का अनुमोदन करती है।
इस योजना को नगर निगमों तथा पुलिस विभागों के सहयोग से तैयार किया गया है। इसके लिए समिति ने 2,919 करोड़ 55 लाख रुपये की धनराशि निर्धारित की है।
सभी 8 नगरों का ब्यौरा इसप्रकार है :
दिल्ली : 663.67 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। योजना के तहत सड़कों, स्कूलों और मेट्रो स्टेशनों पर महिला सुरक्षा को बढ़ाया जाएगा। महिला सुरक्षा के लिए बनी इस योजना में आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। जैसे – वीडियो निगरानी, चेहरे की पहचान और विश्लेषण आदि। इस योजना के तहत महिला सुरक्षा के लिए समर्पित निगरानी वाहनों का उपयोग किया जाएगा। इन वाहनों में जीपीएस निगरानी सुविधा तथा वीडियो साझा करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
मुम्बई : 252 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत। इस योजना के तहत अपराध संभावना वाले स्थानों पर जीआईएस मैपिंग की जाएगी। इसके अलावा इस योजना में वीडियो निगरानी, जांच अधिकारियों का प्रशिक्षण तथा त्वरित प्रतिक्रिया वाले पुलिस दलों को शामिल किया गया है। यह योजना पुलिस-दीदी कार्यक्रम को मजबूत बनाएगी, जिसके अंतर्गत महिला पुलिस अधिकारी स्लम में रहने वाली महिलाओं के साथ बातचीत करती हैं।
चेन्नई : परियोजना के लिए 425.06 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। परियोजना में उच्च अपराध जनिक इलाकों में सुरक्षित क्षेत्रों का निर्माण, जीआईसी आधारित अपराध मापन, सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा, पुलिस की क्षमता का विकास और महिलाओं के लिए हेल्पडेस्क सेवा का विकास शामिल है। परियोजना के तहत साइबर अपराध और कानूनी सहायक मुआवज़ा प्रयोगशाला का भी गठन किया जाएगा।
अहमदाबाद : 253 करोड़ रुपये की परियोजना है। परियोजना के प्रस्ताव के मुख्य तत्वों में संकट में फंसी महिलाओं की तुरंत मदद के लिए अभयम वाहन, भरोसा जैसे एकल संकट निवारण केंद्र और निगरानी रखने के लिए महिलाओं की ‘शी टीम’ का गठन शामिल है। परियोजना में साबरमती रिवर फ्रंट को महिलाओं के लिए और अनुकूल बनाने के लिए इसके पुनर्विकास का भी प्रावधान है।
कोलकाता : परियोजना के लिए 181.32 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। परियोजना के तहत 9 महिला थानों को और सशक्त बनाना, सार्वजनिक क्षेत्रों की निगरानी, कम्प्यूटर आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था का गठन और अपराध की सुनवाई वाली अदालतों में कैमरा लगवाने जैसे काम शामिल हैं। परियोजना के तहत संवेदीकरण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
बैंग्लुरू : परियोजना के लिए 667 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। परियोजना के तहत सार्वजनिक स्थलों की निगरानी, थानों में महिला हेल्पडेस्क पर एनजीओ के स्वयंसेवियों की तैनाती और बड़े अस्पतालों, महिला पुलिस केंद्रों और असुरक्षित जगहों पर सुरक्षित क्षेत्रों का निर्माण करना शामिल है। लोगों में महिलाओं के प्रति संवेदना बढ़ाने के लिए महिलाओं की रानी चनम्मा टीम का गठन भी इस परियोजना में शामिल है।
हैदराबाद : परियोजना के लिए 282.50 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। परियोजना के तहत महिला विकास और सशक्तिकरण केंद्र के साथ ही फोरेंसिक प्रकोष्ठ और बार-बार अपराध करने वालों पर नजर रखने के लिए निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। इस परियोजना के तहत महिलाओं के लिए ‘शी टॉयलेट’ का भी निर्माण किया जाएगा।
लखनऊ : परियोजना के लिए 195 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। परियोजना में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सटीक जांच पड़ताल के लिए साइबर और फोरेंसिक सुविधाओं का विकास, पुलिस बल में श्रमशक्ति को प्रशिक्षण दिया जाना शामिल है। परियोजना के तहत शहर में महिलाओं से संबंधित मुद्दों से जुड़े लोगों को संवेदनशील बनाते हुए समग्र सुरक्षित शहर ईको सिस्टम का निर्माण कराया जाएगा।
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