1. भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति (President of the People’s Republic of China) शी जिनपिंग ने 11-12 अक्टूबर, 2019 को भारत के चेन्नई में अपने दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन (2nd Informal summit) का आयोजन किया।
2. दोनों नेताओं ने एक दोस्ताना माहौल में वैश्विक एवं क्षेत्रीय महत्व के सामरिक, दीर्घकालिक एवं महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
3. उन्होंने राष्ट्रीय विकास (national development) के मुद्दे पर अपने दृष्टिकोण को भी साझा किया।
4. उन्होंने सकारात्मक तरीके से द्विपक्षीय संबंधों ( bilateral relations) की दिशा का मूल्यांकन किया और चर्चा की कि वैश्विक मंच पर दोनों देशों की बढ़ती भूमिका को प्रतिबिंबित करने के लिए भारत-चीन द्विपक्षीय बातचीत (India-China bilateral interaction ) को किस प्रकार गहराई दी जा सकती है।
5. दोनों नेताओं ने यह विचार साझा किया कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में नए सिरे से उल्लेखनीय समायोजन दिख रहा है। उनका मानना था कि भारत और चीन (India and China) एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध दुनिया के लिए काम करने के साझा उद्देश्य को पूरा करते हैं जिसमें सभी देश कानून-आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के तहत अपने विकास को आगे बढ़ा सकते हैं।
6. उन्होंने अप्रैल 2018 में चीन के वुहान में आयोजित पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई सहमति को दोहराया कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में भारत और चीन (India and China) स्थिरता के कारक हैं और दोनों पक्ष अपने मतभेदों का विवेकपूर्ण प्रबंधन करेंगे और किसी भी मुद्दे पर मतभेद को विवाद नहीं बनने देंगे।
7. दोनों नेताओं ने माना कि कानून आधारित एवं समावेशी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को संरक्षित करने और उसे आगे बढ़ाने में भारत और चीन (India and China) की बराबर रुचि है। इसमें 21वीं सदी की नई वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाले सुधार भी शामिल हैं। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे समय में कानून आधारित (rules-based ) बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था का समर्थन करना और उसे मजबूती देना महत्वपूर्ण है जब वैश्विक तौर पर सहमति वाली व्यापार प्रथाओं और मानदंडों पर चुनिंदा सवाल उठाए जा रहे हैं। भारत और चीन (India and China) खुले एवं समावेशी व्यापार व्यवस्था के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे जिससे सभी देशों को फायदा होगा।
8. दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन (climate change) और सतत विकास लक्ष्य सहित वैश्विक विकासात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए अपने-अपने देशों में किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने जोर दिया कि इस संदर्भ में उनके व्यक्तिगत प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
9. दोनों नेताओं ने चिंता जताई कि आतंकवाद एक आम खतरा बना हुआ है। दो बड़े और विविधतापूर्ण देशों के तौर पर उन्होंने माना कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ढांचे को बिना कोई भेदभाव किए दुनिया भर में आतंकवादी समूहों के प्रशिक्षण, वित्त पोषण और समर्थन के खिलाफ ढांचे को मजबूत करने के लिए संयुक्त प्रयासों को जारी रखना आवश्यक है।
10. महान परंपराओं के साथ महत्वपूर्ण समकालीन सभ्यताओं के रूप में दोनों नेताओं ने माना कि दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक समझ को बेहतर करने के लिए लगातार बातचीत आवश्यक है। दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि इतिहास की दो प्रमुख सभ्यताओं के तौर पर वे दुनिया के अन्य भागों में संस्कृतियों और सभ्यताओं के बीच संवाद एवं समझ को बेहतर के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
11. उन्होंने माना कि इस क्षेत्र में समृद्ध और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक खुला, समावेशी और स्थिर वातावरण का होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभप्रद और संतुलित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी के लिए बातचीत के महत्व को भी माना।
12. दोनों नेताओं ने पिछले दो सहस्त्राब्दियों के दौरान भारत और चीन (India and China) के बीच महत्वपूर्ण समुद्री संपर्क सहित पुराने वाणिज्यिक लिंकेज और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के मुद्दे पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। इस संबंध में दोनों नेताओं ने तमिलनाडु और फुजियान प्रांत के बीच सिस्टर-स्टेट संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई। उन्होंने अजंता और दुनहुआंग के अनुभव के आधार पर महाबलीपुरम और फुजियान प्रांत के बीच संबंधों का अध्ययन करने के लिए एक अकादमी स्थापित करने की संभावनाए तलाशने की बात की। सदियों पुराने हमारे व्यापक संपर्कों के मद्देनजर भारत और चीन के बीच समुद्री लिंक पर अनुसंधान करने पर भी चर्चा की।
13. दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं के विकास लक्ष्यों पर पारस्परिक दृष्टिकोण को भी साझा किया। उन्होंने माना कि भारत और चीन (India and China) का साथ-साथ विकास पारस्परिक रूप से लाभप्रद अवसर पैदा करेगा। दोनों पक्ष अपनी मित्रता और सहयोग के अनुरूप एक-दूसरे की नीतियों और कार्यों की सराहना करेंगे और एक सकारात्मक, व्यावहारिक एवं खुले रवैये को अपनाते रहेंगे। इस संबंध में उन्होंने पारस्परिक हित के सभी मामलों पर सामरिक विचार-विमर्श ( strategic communication ) जारी रखने और संवाद तंत्र का पूरा उपयोग करते हुए उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान को कायम के लिए सहमति जताई।
14. दोनों नेताओं ने माना कि सकारात्मक करारों ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अवसर सृजित किए हैं। वे इस बात से भी सहमत थे कि इस प्रयास को दोनों देशों में मजबूत जन समर्थन की आवश्यकता है। इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने 2020 को भारत-चीन सांस्कृतिक एवं लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान वर्ष के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि 2020 में भारत-चीन संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ को राजनीतिक दलों, सांस्कृतिक एवं युवा संगठनों और सेनाओ के बीच सभी स्तरों पर विनिमय को बेहतर करने के लिए पूरी तरह से उपयोग किया जाएगा। राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए दोनों देश सहित 70 गतिविधियों का आयोजन करेंगे जिसमें जहाज यात्रा पर एक सम्मेलन भी होगा जो दोनों सभ्यताओं के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर केन्द्रित होगा।
15. आर्थिक सहयोग को बेहतर बनाने और विकास के लिए करीबी साझेदारी को बेहतर करने के लिए अपने प्रयासों के मद्देनजर दोनों नेताओं ने व्यापार एवं वाणिज्यिक संबंधों को बेहतर करने के उद्देश्य से एक उच्च-स्तरीय आर्थिक एवं व्यापार संवाद तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही वे दोनों देशों के बीच व्यापार को बेहतर तरीके संतुलित करने करने पर भी सहमत हुए। उन्होंने विनिर्माण भागीदारी के विकास के माध्यम से पहचान किए गए क्षेत्रों में आपसी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी सहमति दी और अपने अधिकारियों को उच्च-स्तरीय आर्थिक एवं व्यापार वार्ता की पहली बैठक में इस मुद्दे शामिल करने का निर्देश दिया।
16. दोनों नेताओं ने सीमा संबंधी मुद्दे सहित अन्य मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों के काम का स्वागत किया और उनसे आग्रह किया कि वे 2005 में दोनों पक्षों द्वारा सहमत हुए राजनीतिक मानदंडों एवं मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर एक उचित एवं पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखें। उन्होंने दोहराया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रयास जारी रहेंगे और इस उद्देश्य से अतिरिक्त विश्वास बहाली के उपायों पर दोनों पक्ष काम जारी रखेंगे।
17. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक सकारात्मक नजरिये से इस अनौपचारिक शिखर सम्मेलन (Informal Summit) की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘वुहान स्प्रिट’ और ‘चेन्नई कनेक्ट’ के साथ ही नेताओं के स्तर पर आपसी समझ को बेहतर करने के लिए इससे एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है। उन्होंने इसे भविष्य में भी जारी रखने के लिए सहमति जताई। ‘राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी को तीसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन (Informal summit) के लिए चीन की यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने निमंत्रण स्वीकार किया।
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