नई दिल्ली, 10 जून | रोबोटिक सर्जरी अब तेजी से प्रगति के लिए तैयार है क्योंकि ज्यादातर अस्पताल अब नवीनतम कंप्यूटर संचालित सर्जिकल रोबोट लगा रहे हैं। ऐसी आशा है कि 2020 तक 25 भारतीय शहरों में 100 से अधिक अस्पतालों में 3डी विजन वाले डेक्सटरस रोबोट सर्जरी में मदद कर रहे होंगे। वटिकुटी फाउंडेशन के माध्यम से भारत में 2010 से रोबोटिक सर्जरी की दिशा में प्रगति हेतु प्रयासरत राज वटिकुटी का कहना है, “हम युवा सर्जनों को रोबोटिक सर्जरी अपनाने के लिए प्रेरित करने के अलावा कुशल रोबोटिक सर्जनों की संख्या 500 तक पहुंचाएंगे। अपनी ओर से योगदान करते हुए वटिकुटी फाउंडेशन अगले 5 वर्षो के दौरान सुपर स्पेशलिस्ट सर्जनों को रोबोटिक सर्जन बनने के लिए 100 पेड फेलोशिप प्रदान करेगा।”
फाइल फोटो : नई दिल्ली के एक अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी का दृश्य। (फोटो: आईएएनएस)
राज वटिकुटी ने बताया, “यद्यपि 2015 में रोबोट की सहायता से 4,000 सर्जरी की गईं, जो कि 5 वर्षों में पांच गुनी वृद्धि है, लेकिन भारत ने अपनी संभावनाओं का लाभ उठाना अभी शुरू ही किया है, क्योंकि इसके फायदे मेट्रो शहरों से आगे बढ़कर जन-जन तक पहुंचाए जा सकते हैं।”
रोबोटिक सर्जरी प्रोस्टेट, गायनेकोलॉजिकल, सिर व गर्दन, फेफड़ों और आंतों व मलाशय के कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए मददगार हैं क्योंकि इनसे गलतियों की संभावना कम हो जाती है, प्रक्रियाओं में दाग नहीं बचते और रिकवरी तेज गति से होती है।
इस समय भारत में 30 अस्पतालों में केवल 190 रोबोटिक सर्जन हैं। 2020 तक कुशल रोबोटिक सर्जनों की संख्या बढ़ाकर 500 करने और 100 अस्पताल तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। — आईएएनएस
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