नई दिल्ली, 23 अगस्त | काले धन पर रोक लगाने के लिए सरकार विशेष जांच दल (एसआईटी) की 3 लाख से ऊपर के नकद लेन-देन पर रोक लगाने सिफारिश पर गौर कर रही है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन रानी सिंह नायर ने एसोसिएट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा मंगलवार को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कर सम्मेलन में कहा, “सरकार अर्थव्यवस्था में काले धन पर लगाम लगाने के लिए तीन लाख रुपए से अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की एसआईटी की सिफारिश पर गौर कर रही है।”
उन्होंने कहा, “आयकर विभाग पहले नकद लेन-देन पर एक प्रतिशत टीसीएस तथा पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर चुका है। एसआईटी की काला धन रोकने की सिफारिशों में इन पहलुओं का भी उल्लेख है।”
उच्चतम न्यायालय द्वारा काले धन पर नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीन लाख रुपए और उससे अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। साथ ही व्यक्तियों और उद्योग के पास 15 लाख रुपए नकदी रखे जाने की सीमा तय किए जाने की भी सिफारिश की गई है।
दूसरे देशों के साथ कर समझौते के बारे में नायर ने कहा कि सरकार भारत-सिंगापुर कर समझौते पर दोबारा विचार के लिए बातचीत कर रही है। मॉरिशस के साथ कर संधि पर नए सिरे समझौता हो चुका है, जबकि सिंगापुर के साथ अभी बातचीत जारी है।
आम बजट को जनवरी में पेश करने संबंधी प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि इससे बजट बनाने में अधिक दक्षता आएगी और इस प्रक्रिया में वित्त वर्ष के तीन-चार महीनों के समय का नुकसान नहीं होगा।–आईएएनएस
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