नई दिल्ली, 14 जुलाई| काला धन की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीन लाख रुपये से अधिक के लेन देन पर पूर्ण प्रतिबंध की संस्तुति की है। एसआईटी का कहना है कि इस तरह के लेन-देन को अवैध और कानून के तहत दंडनीय घोषित करने के लिए एक कानून बनाना चाहिए। एक सरकारी बयान में गुरुवार को इसकी घोषणा की गई। एसआईटी की पांचवीं रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई।
बयान में कहा गया है, एसआईटी ने महसूस किया है कि काले धन का बहुत बड़ा हिस्सा जमाकर रखा गया है और उसका इस्तेमाल नकद रूप में होता है। नकद लेन-देन से जुड़े विभिन्न देशों के प्रावधानों, विभिन्न रिपोर्ट और अदालतों की टिप्पणियों पर विचार करने के बाद एसआईटी ने महसूस किया कि नकद लेन-देन की अधिकतम सीमा तय करने की जरूरत है।
अधिकतम कितना नकद रखा जा सकता है, इसके बारे में एसआईटी का सुझाव है कि यह 15 लाख हो।
आगे कहा गया है कि किसी व्यक्ति या उद्योग को इससे अधिक नकद रखने की जरूरत है तो वह उस क्षेत्र के आयकर आयुक्त से जरूरी इजाजत ले सकता है।
इन संस्तुतियों पर जनता के सुझाव भी मांगे गए हैं।–आईएएनएस
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