भोपाल,8 सितम्बर। मध्यप्रदेश में शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में मरीज या मृतक के परिजनों द्वारा तोड़फोड़ या मारपीट करने पर तीन माह तक का कारावास या 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों दण्ड साथ साथ भुगतने होंगे।
मध्यप्रदेश चिकित्सक एवं चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम-2008 के तहत प्रदेश के शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में मरीज या मृतक के परिजनों द्वारा तोड़फोड़ या मारपीट करने पर कार्रवाई की जायेगी।
अधिनियम में ऐसे व्यक्ति को तीन माह तक का कारावास या 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ ने बताया कि पिछले कई दिनों से शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में मरीज या रोगी की आकस्मिक मृत्यु के उपरांत परिजनों द्वारा चिकित्सालय में तोड़फोड़ के साथ चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ मारपीट की घटनाएँ हो रही हैं। कई बार दुर्घटना में गंभीर चोट आने के बाद रोगी की चिकित्सालय पहुँचने के पूर्व ही मृत्यु हो चुकी होती है।
अस्पताल मिलता- जुलता फोटो
चिकित्सक द्वारा मृत्यु की घोषणा करने पर परिजन हिंसा पर उतारू हो जाते हैं। यह अधिनियम का सरासर उल्लंघन है।
मध्यप्रदेश चिकित्सक एवं चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम-2008
किसी व्यक्ति द्वारा किसी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा से संबद्ध व्यक्ति पर चिकित्सा और सेवा संस्था के भीतर या किसी विरूजालय (क्लीनिक) या किसी एम्बुलेंस में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देखभाल करने (केयर) से संबंधित उसके विधिपूर्ण कर्त्तव्यों के निर्वहन के या उससे आनुषांगिक किसी कार्य के दौरान हमला, आपराधिक बल, अभित्रास या धमकी का कोई कार्य प्रतिषिद्ध होगा।
कोई भी व्यक्ति जो अधिनियम की धारा-3 के उल्लंघन में स्वेच्छापूर्वक कोई कार्य करता है वह दोनों भाँति के कारावास से, जो तीन मास तक का हो सकेगा या जुर्माने से, जो 10 हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
अधिनियम की धारा-3 के अधीन किया गया कोई अपराध संज्ञेय या अजमानती होगा।
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