नई दिल्ली, 10 फरवरी | देशभर में मार्च, 2017 तक तीन हजार प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खोले जाएंगे। भारत में केवल 40 प्रतिशत आबादी को ब्रांडेड दवाएं मिल पाती हैं, जबकि 60 प्रतिशत लोग गरीबी और अन्य कारणों से दवाओं से वंचित रह जाते हैं। पीएमबीजेके के अंतर्गत सभी लोगों को सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को यहां देशभर में प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की शुरुआत पर राष्ट्रीय युवा सहकारिता समाज (एनवाईसीएस) के जिला संयोजकों के लिए परिचय-कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस कार्यशाला का लक्ष्य युवाओं को शिक्षित और लामबंद करना है, ताकि वे मार्च, 2017 तक तीन हजार पीएमबीजेके खोले जाने के प्रयासों में योगदान करें।
देश में एक हजार पीएमबीजेके स्थापित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय फार्मा ब्यूरो (बीपीपीआई) और एनवाईसीएस के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह कार्यशाला इसी मकसद से आयोजित की गई, ताकि प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना के विवरण पर चर्चा हो। इस आयोजन में देशभर के 24 राज्यों और 106 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर अनंत कुमार ने कहा कि देश में ज्यादा से ज्यादा पीएमबीजेके खोले जाने चाहिए, जिनका आधार 3ए यानी ‘ओथेंटिसिटी, एवेलेबलिटी, अफोर्डेबलिटी’ हो। उन्होंने बीपीपीआई और एनवाईसीएस के प्रयासों की भी सराहना की।
इस अवसर पर मंत्रालय के अधिकारी, विभिन्न जिलों से आए लगभग 170 प्रतिनिधि, बीबीपीआई अधिकारी, चिकित्सा और फार्मा संघ के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य सेवा परियोजनाओं के प्रतिनिधि, चिकित्सा और फार्मा क्षेत्र के उद्यमी उपस्थित थे। — आईएएनएस
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