30 वर्षो तक 8 प्रतिशत विकास दर का लक्ष्य हो : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 6 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के नागरिकों से आग्रह किया कि 30 वर्षो तक आठ प्रतिशत से अधिक विकास दर हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया जाए। मोदी ने कहा कि इससे देश का पूरा विकास परिदृश्य बदल जाएगा। मोदी ने मायगव मंच की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित टाउनहाल शैली के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “यदि हम 30 वर्षो तक आठ प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर बनाए रखें, तो पूरी दुनिया हमारे कदमों में होगी।”

उन्होंने कहा कि मंदी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था में 125 करोड़ लोगों के देश के लिए 7.5 प्रतिशत विकास दर हासिल करना आसान नहीं है, ऐसे में लगातार दो वर्षो से सूखा पड़ा है।

मोदी ने कहा, “पूरी दुनिया मंदी में है और खरीदारी क्षमता काफी घट गई है। भारतीय कृषि पर भी दबाव है। ऐसी स्थिति में 7.5 प्रतिशत विकास दर हासिल करना अपने आप में बड़ी बात है और मैं इसके लिए 125 करोड़ देशवासियों को बधाई देता हूं।”

प्रधानमंत्री ने देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था में समुचित योजना और संतुलित खर्च की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग होना चाहिए।

उन्होंने देशभर के नागरिकों के समक्ष सवाल पेश करते हुए कहा, “हम सिर्फ अपने प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग से ही मानव संसाधन की संभावना का पूर्णरूपेण उपयोग कर सकते हैं।”

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने उन लोगों को सम्मानित किया, जिनके सुझाव उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में शामिल किए जा चुके हैं।

मोदी ने इंजीनियरिंग के छह विद्यार्थियों से भी मुलाकात की, जिन्होंने पीएमओ के नए मोबाइल एप को डिजाइन और विकसित किया था।

मोदी ने कहा कि कृषि कचरा देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का एक सर्वाधिक संभावना वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक सुविधाओं की ओर बढ़ना चाहिए और मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित करने का उनकी सरकार का प्रयास इसी दिशा में एक गंभीर कोशिश है।

उन्होंने कहा कि बदलते कृषि-आर्थिक परिदृश्य में किसानों को कई सारी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और इमारती लकड़ी की खेती को एक मध्यकालिक और दीर्घकालिक रणनीति के रूप में लेना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि उन्हें अपनी आय बढ़ाने के लिए अपनी भूमि और श्रम के एक हिस्से को पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्यपालन के लिए समर्पित करना चाहिए।

उन्होंने रोग रोकथाम संबंधी और सस्ते स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सरकार स्वास्थ्य बीमा का दायरा बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

–आईएएनएस