नई दिल्ली, 25 जनवरी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें देश की पहली महिला महावत समेत 34 गणमान्य लोग शामिल थे।
अपने जीवन में समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले महानुभावों में महिला महावत ‘हाथी की परी’ पार्वती बरुआ का नाम प्रमुख है ।
भारत की पहली महिला महावत, जिसने पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपने लिए जगह बनाने के लिए रूढ़िवादिता पर काबू पाया। वह वैज्ञानिक प्रथाओं की मदद से मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता के लिए खड़ी रहीं और जंगली हाथियों से निपटने और उन्हें पकड़ने में 3 राज्य सरकारों की सहायता की।
पार्वती बरुआ को अपने पिता से यह कौशल विरासत में मिला था।
पद्म पुरस्कार में विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के नाम शामिल हैं, इनमें पार्वती बरुआ (असम-पशु कल्याण-67 वर्ष), जागेश्वर यादव (छत्तीसगढ़-सामाजिक कार्य-67 वर्ष), चार्मी मुर्मू (झारखंड सामाजिक कार्य-पर्यावरण-52 वर्ष), गुरविंदर सिंह (हरियाणा, सामाजिक कार्य-विकलांग) शामिल हैं। ।
पिछले साल राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी, जिनमें छह पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल थे।
पुरस्कार पाने वालों में 19 महिलाएं थीं। इसके अलावा सात लोगों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया।
पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है, जिसमें तीन श्रेणियां शामिल हैं, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री। सरकार ने पद्म पुरस्कार देना शुरू किया था।
Follow @JansamacharNews