नई दिल्ली, 8 अगस्त (जनसमा)। देश में इस समय लगभग 41 करोड बच्चे हैं। इन बच्चों को खसरे और हल्के खसरे से बचाने के लिए एक सूई लगाई जाती है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए एक अभियान चला रखा है जिसका नाम है टीकाकरण अभियान।
यह पूरे विश्व में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बनने जा रहा है। इस अभियान के दौरान 9 महीने से 15 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों के साथ वर्ष 2020 तक खसरा तथा रूबेला/वंशानुगत खसरा लक्षण (सीआरएस) को समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है।
इस अभियान के बाद एमआर टीका नियमित टीकाकरण का हिस्सा हो जाएगा और यह अभी 9-12 महीने और 16-24 महीनों के बच्चों को दिए जा रहे खसरे के टीका का स्थान ले लेगा।
खसरा- रूबेला टीकाकरण अभियानका पहला चरण 5 राज्यों – तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप तथा पुद्दुचेरी- में सफलतापूर्वक पूरा हुआ। 3.3 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया और इस तरह वांछित आयु समूह के 97 प्रतिशत के हिस्से तक पहुंचा गया।
यह अभियान स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों तथा स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर चलाया गया। अगस्त महीने से अगला चरण आठ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, चंढीगढ़, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, हिमाचल प्रदेश, केरल, तेलंगना तथा उत्तराखंड) में शुरू हो रहा है और इसका लक्ष्य 3.4 करोड़ बच्चों को कवर करना है।
जो बच्चे पहले इस तरह के टीके पहले लगवा चुके हैं उनके लिए यह नया डोज अतिरिक्त क्षमता प्रदान करेगी। अभियान के दौरान अधिकतम कवरेज का लक्ष्य हासिल करने के लिए अनेक हितधारकों को इस अभियान में शामिल किया गया है।
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