नई दिल्ली, 9 फरवरी (जनसमा)। आतंकवादी संगठनों के काम करने के आधुनिक तौर तरीके और तकनीक को समझने तथा उसका प्रभावी मुकाबला करने के लिए बुद्धवार से नई दिल्ली में सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों का दो दिवसीय अंतरराश्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया है। इस सेमिनार का विषय है ‘राष्ट्रीय आईईडी निरोधक रणनीति। इसमें बड़े देश आतंकवाद निरोधक रणनीति का विश्लेषण करेंगे।
कूटनीतिक विष्लेशकों का कहना है कि भारत द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध तैयार की गई रणनीति के परिणाम स्वरूप एक-दूसरे से मतभेद रखने वाले देष भी आतंकवाद के विरुद्ध भारत में आयोजित इस सेमिनार में मंच साझा कर रहे हैं।
इस सेमिनार की खासियत यह है कि इसमें अमरीका, रूस, इस्राइल जैसे देष षामिल होरहे हैं जो एक-दूसरे को पावर बैलेन्स करते हैं। इनके अलावा भाग लेने वाले देषों में फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस, जापान, सिंगापुर, फिलीपींस और वियतनाम भी हैं।
इस सम्मेलन में इस वर्ष भारत की अग्रणी सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों के अलावा दुनिया के खुफिया तंत्र के विषेशज्ञ और फोरेंसिक एजेंसियां भी भाग ले रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) गुड़गांव के मानेसर स्थित एनएसजी प्रशिक्षण केंद्र में आगामी 10 और 11 फरवरी 2016 को ‘आईईडी निरोधक रणनीति’ पर 16वें अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन करेगा। इस सेमिनार का विषय ‘राष्ट्रीय आईईडी निरोधक रणनीति’ है।
यह सेमिनार पुलिस एवं सशस्त्र बलों/कानून प्रवर्तकों/सुरक्षा/खुफिया/फोरेंसिक एजेंसियों और अन्य संबद्ध संगठनों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को अपनी विशेषज्ञता, विचारों और अनुभवों को साझा करने का एक मंच प्रदान करेगा। सेमिनार को दो हिस्सों में आयोजित किया जाएगा।
सेमिनार का पहला दिन मानेसर में एनएसजी परिसर स्थित राष्ट्रीय बम डाटा सेंटर (एनबीडीसी) के मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा।
एनबीडीसी के दौरे में सेमिनार में शामिल होने वाले प्रतिनिधि धमाके के बाद के ऑपरेशन एवं विश्लेषण, मामले का अध्ययन एवं आतंकवाद निरोधक रणनीति के विश्लेषण के प्रदर्शन के साक्षी बनेंगे।
सेमिनार का दूसरा दिन मानेकशॉ सभागार, दिल्ली कैंट में आयोजित किया जाएगा। इसमें मेघालय के पूर्व राज्यपाल और एनएसजी एवं बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक आर.एस. मूसाहारी मुख्य अतिथि होंगे। वह इस दौरान मुख्य भाषण देंगे।
इससे पहले एनएसजी के महानिदेशक स्वागत भाषण देंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ‘बम शैल’ पत्रिका 2016 का विमोचन करेंगे। इसमें कई विशेषज्ञों के लेखों के अलावा वर्ष 2015 में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हुए आईईडी धमाकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि 1988 में आकार लेने के बाद एनबीडीसी विभिन्न आईईडी घटनाओं के संग्रहण, मिलान और विश्लेषण में अग्रणी रहा है। इससे विभिन्न आतंकवादी संगठनों के काम करने के तरीके के बारे में जानकारी मिलती है जो ऐसे संगठनों का प्रभावी
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