मुंबई, 17 फरवरी। झारखंड इसी साल नवम्बर महीने में दुनिया भर के बड़े और मशहूर निवेशकों की मेजबानी करेगा। नवम्बर महीने में राजधानी रांची में विश्व निवेशक सम्मेलन आयोजित होगा। आज मुम्बई में आयोजित ‘मेक इन इंडिया सप्ताह’ के तहत झारखंड इवेंट को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्हें विश्व निवेशक सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया और कहा कि इस आयोजन में निवेशकों के स्वागत के लिए झारखंड अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य, संसाधनों की प्रचुरता, प्रतिबद्ध नौकरशाही और कुशल परिश्रमी श्रम शक्ति के साथ तत्पर रहेगा।
मुख्यमंत्री दास ने अपने संबोधन में झारखंड में उपलब्ध निवेश के प्रचुर अवसरों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरंभ किये गये ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के अनुरूप झारखंड सरकार ने पिछले एक वर्ष में व्यापार के नये वातावरण को अपनाते हुए स्वयं को तैयार किया है। इसी वजह से विश्व बैंक ने वर्ष 2015 में व्यापार सुगमता (ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस) की रैंकिंग में झारखंड को देश के तीन सर्वश्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिया है।
दास ने कहा कि ‘ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस’ ‘मेक इन इंडिया’ के अधीन एक पहल है और झारखंड राज्य के विकास हेतु समय पर उठाया गया कदम है। औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में इस राज्य का लम्बा इतिहास रहा है तथा हम ‘मेक इन इंडिया’ के अनुरूप मेक इन झारखंड की अवधारणा के साथ आगे बढऩे के लिये प्रतिबद्ध हैं। हमारे पास प्राकृतिक संसाधन, कुशल मानव शक्ति, औद्योगिक संस्कृति एवं सक्रिय तथा सकारात्मक शासन व्यवस्था वरदान के रूप में उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में इस राज्य के गठन के बाद पहली दफा बहुमत की हमारी स्थिर सरकार ने विकास हेतुु उपलब्ध नये अवसरों पर काम करना शुरू किया है एवं हम झारखंड को नई उंचाईयों पर ले जाने के लिये कृत संकल्प हैं। हमारे राज्य को वरदान स्वरूप प्राप्त प्राकृतिक संसाधन हमें रोजगार के नये अवसर प्रदान करने में सहायक रहेंगे। उन्होंने संपन्न और उन्नत झारखंड के लक्ष्य के साथ विकास के इस पथ पर निवेशकों को सहभागी बनाने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि निवेशकों की सेवा एवं उत्पाद हेतु झारखंड में भी एक बड़ा बाजार यहां के लोग उपलब्ध करायेंगे।
झारखंड की कुशल श्रम शक्ति का खास तौर पर उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि झारखंड अपने खनिज, इस्पात एवं ऑटो मोबाईल उद्योग के लिये जाना जाता है, तथापि यहां के लोग यहां की सबसे बड़ी संपत्ति हैं जो इस देश के हर कोने एवं विश्वभर के लोगों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जो अब तक अछूते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर्यटन क्षेत्र में भी संभावनाएं विद्यमान हैं। कृषि एवं बागवानी संबंधित उद्योगों हेतु यहां का अनुकूल मौसम सहायक है।
अपनी सरकार द्वारा उद्योगों के विकास के लिए शुरू किये गये प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योगों को विकसित करने में सहायक नीतियां बनाई गई हैं और निवेशकों के लिये इस राज्य में सेवा, शिक्षा, बीमा, चिकित्सा, सूचना तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक आदि क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध हैं।
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में की गई पहल को केन्द्र सरकार का सहयोग प्राप्त है। अमृतसर, कोलकाता कॉरिडोर पूर्वी भारत का आर्थिक परिदृश्य बदलने के साथ झारखंड राज्य के लिये बड़ा ही लाभकारी साबित होगा। यह राज्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की आधारभुत संरचनाएं उपलब्ध कराने हेतु कृतसंकल्प है। यहां इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट ऑथोरिटी द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों एवं परिसंपित्तयों का प्रबंधन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड में व्यापार बढ़ने के साथ साथ आय बढेगी जिससे और अधिक निवेश होगा, फलस्वरूप अधिक रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। यह निवेशकों एवं झारखंड दोनों के लिये फायदेमंद होगा एवं यहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार आयेगा। नई सोच एवं उत्तम कोटि के विचार के साथ यह राज्य किसी अन्य राज्य से पीछे नहीं है। हमारे यहां एक जिला न्यायालय का कार्य पूरी तरह सौर उर्जा से हो रहा है। सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में दो पालियों में कक्षाएं संचालित हो रही है एवं अधिक से अधिक विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड में पांच निजी विश्वविद्यालय अपने परिसर के साथ जल्दी ही खुलने वाले हैं। एक कृषि संस्थान हजारीबाग में निर्माणाधीन है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि झारखंड में निवेशकों को व्यापार शुरू करने एवं आगे बढ़ाने के लिये ढांचागत सुविधा, पानी-बिजली, प्राकृतिक संसाधन, जमीन एवं श्रम शक्ति सबकुछ उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि उनकी सरकार निवेश हेतु पैकेज के साथ साथ प्रोत्साहन भी देगी। उन्होंने आशा जतायी कि मेक इन इंडिया सप्ताह में शामिल प्रत्येक निवेशक के साथ भविष्य में उनका व्यक्तिगत रूप से संवाद कायम रहेगा।
अंत में उन्होंने उपस्थित निवेशकों और उद्यमियों का अभिनन्दन करते हुए उन्हें झारखण्ड में निवेश का आमंत्रण दिया।
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