दिल्ली सरकार ने दिल्ली की अनाज मंडी( Anaj Mandi) में लगी भीषण आग (massive fire ) के मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
सवेरे 5 बजे के आसपास हुए इस भीषण अग्नि काण्ड (massive fire) में 43 लोगों की मौत हो गई और अनेक लोग घायल हो गए।
एनडीआरएफ का कहना है कि भीषण अग्नि काण्ड (massive fire) के कारण इमारत खतरनाक कार्बन मोनोऑक्साइड से भरी हुई थी और ज्यादातर श्रमिकों की मौत दम घुटने से हुई ।
भीषण अग्नि काण्ड (massive fire) स्थल का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मध्य दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
केजरीवाल ने मृतकों के परिवारों को दस-दस लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता देने और मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की।
दिल्ली के एक कारखाने में आज सुबह लगी भीषण अग्नि काण्ड (massive fire) में करीब 150 फायर कर्मियों ने बचाव अभियान में भाग लिया और इमारत से 67 लोगों को निकाला।
अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि भीषण अग्नि काण्ड (massive fire) में 34 फायर टेंडर सेवा में लगाए गए।
बताया जाता है कि फायर स्टेशन को रानी झाँसी रोड पर अनाज मंडी में आग लगने के बारे में सुबह 5 बजकर .22 मिनट पर एक कॉल मिली।
भीषण अग्नि काण्ड (massive fire) घायलों को राष्ट्रीय राजधानी में एलएनजेपी, आरएमएल और हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया। बचाए गए अधिकांश व्यक्ति धुएं से दम घुटने के कारण घायल हुए हैं।
दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कारखाने के मालिक रेहान और प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है।
दिल्ली पुलिस, पीआरओ, एम एस रंधावा ने कहा कि मामला दिल्ली अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि यह घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई और लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। इस दुर्घटना में दिल्ली अग्निशमन सेवा और दिल्ली पुलिस के दो व्यक्ति घायल हुए हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भाजपा उन सभी परिवारों को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देगी, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है।
इस साल दिल्ली में आग लगने की यह दूसरी बड़ी घटना है।
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