चण्डीगढ़, 16 मई| हरियाणा सरकार भले ही दावा करे कि राज्य तेज रफ्तार वाले राजमार्गो के लिहाज से विकास की राह पर है लेकिन जमीनी सच्चाई काफी अलग और उबड़खाबड़ है। अब अधिकारी राज्य से गुजरने वाले मार्गो पर बढ़ते अवैध स्पीड ब्रेकरों की सच्चाई जानना चाहते हैं।
ऐसे में जबकि राजमार्गो पर बढ़ते अवैध स्पीड ब्रेकरों को लेकर काफी संख्या में शिकायत सरकारी अधिकारियों तक पहुंची है, मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार उन्हें हटाना चाहती है।
बीते कुछ सालों में राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय महामार्गो और राजमार्गो तथा अन्य सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में अवैध स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। इनमें से अधिकांश स्पीड ब्रेकर स्थानीय निवासियों और पंचायतों ने बनाए हैं। कारण, इन पर से गुजरने वाले वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है।
हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पवार अवैध स्पीड ब्रेकरों से होने वाली दुर्घटनाओं और वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं से चिंचित हैं और इसी कारण उन्होंने भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को ऐसे सभी स्पीड ब्रेकरों को हटाने का निर्देश दिया है।
हिसार स्थित व्यापारी सुरेश गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, “अवैध स्पीड ब्रेकरों पर कोई रोक नहीं है। सालों से ऐसे ब्रेकर बनते आ रहे हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है और ये वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं।”
गुप्ता की होंडी सिटी कार ऐसी ही एक स्पीड ब्रेकर की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गई है। गुप्ता ने कहा, “ऐसे स्पीड ब्रेकर न सिर्फ दुर्घटना का कारण बनते हैं बल्कि वाहनों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इन स्पीड ब्रेकर की जानकारी वाहन चालकों को नहीं होती क्योंकि इनका निर्माण तकनीकी मानकों के आधार पर नहीं होता।”
हरियाणा से गुजरने वाले राजमार्गो का उपयोग करने वाले लोगों की शिकायत है कि यहां की सरकारों ने इस समस्या पर कभी ध्यान दिया ही नहीं।
सिरसा के एक कालेज छात्र अभिमन्यु कहते हैं, “हाइवे बिना रुकावट वाहन चलाने के लिए होते है। हरियाणा के कई इलाकों में आप 10 किलोमीटर में ही कई स्पीड ब्रेकर पाएंगे।”
अधिकारियों का कहना है कि वे राजनीतिक कारणों से इस मामले में कोई कार्रवाई न करने पर बाध्य हैं।
रोहतक जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “राजनेता ऐसे मामलों पर ध्यान नहीं देते क्योंकि उनके स्पीड ब्रेकर हटाए जाने से जिला पंचायत नाराज हो सकती है। ऐसे में राजनेता स्थानीय अधिकारियों से ऐसे स्पीड ब्रेकरों के नहीं हटाने का निर्देश देते हैं।”
जुलाई 2014 में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा विधानसभा को बताया था कि राज्य से गुजरने वाले महामार्गो और राजमार्गो पर स्थित स्कूलों, रिहायशी इलाकों पर बेतरतीब ढंग से स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। ये स्पीड ब्रेकर अवैध हैं और इनके निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया है।
केंद्र सरकार की नीति के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोई भी स्पीड ब्रेकर नहीं होना चाहिए। जहां तक राज्य सरकारों की नीति की बात है तो उसमें रफ्तार कम करने के लिए छोटे स्पीड ब्रेकर बनाने का उल्लेख है।
इंडियन रोड कांग्रेस के मुताबिक एक स्पीड ब्रेकर सिर्फ चार इंच ऊंचा होना चाहिए और इसकी चौड़ाई एक मीटर होनी चाहिए. साथ ही इस पर 1.25 मीटर की ढलान होनी चाहिए। सभी स्पीड ब्रेकरों से पहले रोड साइन होना चाहिए और स्पीड ब्रेकरों पर सफेद पट्टी होनी चाहिए, जिससे कि ये वाहन चालकों को दूर से दिख सकें।
बीते सालों में सरकार ने कुछ अवैध स्पीड ब्रेकरों को हटाया था लेकिन कुछ दिनों बाद ही लोगों ने नए स्पीड ब्रेकर बना लिए।
हरियाणा से दिल्ली-अम्बाला-अमृतसर एनएच-1, दिल्ली-आगरा-वाराणसी-दानकुनी एनएच-2, दिल्ली-जयपुर-अहमदाबा-मुम्बई एनएच-8, दिल्ली-हिसार-फाजिल्ला-भारत-पाकिस्तान सीमा एनएच-10 तथा पंचकुला-रुड़की एनएच-73 जैसे अहम राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं।
अवैध स्पीड ब्रेकरों की समस्या सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गो पर ही नहीं है। कस्बों और शहरों तक जाने वाली सड़कों पर अवैध तरीके से बड़ी संख्या में स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं।
हरियाणा सरकार ने 1051 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है, जहां सही मायने में स्पीड ब्रेकरों की जरूरत है। पवार ने कहा कि इनमें से 915 स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बना दिए हैं और बाकी जगहों पर काम जारी है।
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