लॉकडाउन के कारण दूध (Milk) और दुग्ध पदार्थों (Milk products) की बिक्री (sale) में 50 प्रतिशत की कमी (decrease) हो गई है।
दुग्ध उत्पादक किसानों से लॉकडाउन की अवधि में अन्य निजी संस्थाओं ने दूध (Milk) लेना बंद करने के साथ ही औने-पौने दाम में उनसे दूध की खरीदी करनी शुरू कर दी थी।
रायपुर में 9 मई,2020 को दी गई अधिकृत जानकारी के अनुसार दुग्ध महासंघ ने बाजार में दूध (Milk) की खपत कम होने के कारण अतिशेष दूध का उपयोग दूध पाउडर (एस.एम.पी.),घी और मक्खन का निर्माण कर इसका निष्पादन सफलतापूर्वक कर रहा है।
दुग्ध महासंघ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के निर्देश पर दुग्ध उत्पादक किसानों से क्रय किए गए दूध (Milk) के एवज में पूरी राशि का भुगतान भी सुनिश्चित किया है। जिसकी वजह से दुग्ध उत्पादक किसानों का आर्थिक हित संरक्षित हुआ है ।
यह उल्लेखनीय है कि दुग्ध महासंघ के अधीन 999 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां है, जिनसे 42 हजार 587 किसान जुड़े हुए है।
लॉकडाउन से पहले दुग्ध महासंघ द्वारा संकलित किए जाने वाले दूध (Milk) की खपत 80 से 90 हजार लीटर प्रतिदिन होती थी। लॉकडाउन के कारण खपत में 50 प्रतिशत की कमी आ गई है।
वर्तमान समय में बमुश्किल 50 हजार लीटर दूध (Milk) की बिक्री हो पा रही है।
प्रबंध संचालक नरेन्द्र दुग्गा ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद भी दुग्ध महासंघ द्वारा उपभोक्ताओं को ‘देवभोग‘ दूध एवं दुग्ध पदार्थ बिना किसी व्यवधान के निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है।
दुग्ध महासंघ द्वारा अपने मोबाइल मिल्क पार्लर द्वारा रायपुर एवं दुर्ग शहर की बड़ी रहवासी कॉलोनियों-अपार्टमेंटस में निरंतर दूध एवं दुग्ध पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
उपभोक्ताओं से महासंघ के वाट्सएप नम्बर 79827726833 पर प्राप्त मांग के आधार पर घर पहुंच सेवा जारी है।
देवभोग दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों को छत्तीसगढ़ शासन की (वेबसाईट cghaat.in) सी.जी. हॉट एवं स्वीगी (होम डिलीवरी सिस्टम) के माध्यम से भी घर पहुंच सेवा प्रदाय की जा रही है।
कोरोना संक्रमण के चलते दुग्ध महासंघ के संयंत्रों में दुग्ध पालकों, संकलन वाहनों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों की स्वच्छता के बारे में विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
संयंत्रों में प्रवेश करने वाले सभी दुग्ध संकलन एवं दुग्ध वितरण वाहनों के साथ-साथ कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाने ले जाने हेतु बस एवं वाहनों का सैनेटाइजेशन एवं फ्युमिगेशन भी किया जा रहा है।
दुग्ध संकलन एवं विपणन वाहन चालकों एवं सहायकों को भी प्रवेश के पूर्व सेनेटाइज करते हुये उनकी थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात् ही अनुमति दी जा रही है।
दुग्ध महासंघ आईएसओ 22000-2005 संस्था है। इस कारण संयंत्र में मास्क एवं बालों को टोपी से ढकना प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी के लिए अनिवार्य है।
संयंत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का भी कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
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