नई दिल्ली,28 जुलाई (जनसमा)।इस साल 19 जुलाई 2017 तक मॉनसून पूरे देश को कवर कर चुका था। इस प्रकार देश के 89 प्रतिशत क्षेत्र में अधिक/सामान्य वर्षा हुई और 11 प्रतिशत क्षेत्र में कम बारिश हुई।
यह जानकारी गुरूवार को राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजु ने ‘देश के विभिन्न भागों विशेषकर असम में हाल की बाढ़ से उत्पन्न हालात’ के बारे में अपने वक्तव्य में दी है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान दक्षिण- पश्चिम मॉनसून सीजन के दौरान, असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्से भारी वर्षा,बाढ़ और वर्षा से संबंधित विभिन्न आपदाओं से प्रभावित हुए हैं।
Boys enjoy themselves in the Adi Ganga Canal during high tide in Kolkata on July 27, 2017.
रिजिजु ने कहा कि दक्षिण – पश्चिम मॉनसून के दौरान हर साल जून से सितम्बर तक भारत में भारी वर्षा होती है। इस अवधि के दौरान होने वाली वर्षा, भारत भर में होने वाली कुल वर्षा का लगभग 70 – 90 प्रतिशत होती है। इस वर्षा के परिणामस्वरूप, नदियों में बाढ़ आना मौसम की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है। इस साल केरल में मॉनसून का प्रारंभ 30 मई को हुआ था।
देश की 40 मिलियन हैक्टेयर से ज्यादा भूमि बाढ़ और नदी के कटाव की आशंका वाली है।
भारत में बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में हिमालयी नदी बेसिन (विशेषकर कोसी और दामोदर नदियां), उत्तर-पश्चिमी नदी बेसिन (झेलम, रावी, सतलुज और ब्यास नदियां) और केंद्रीय एवं प्रायद्वीपीय नदी बेसिन (नर्मदा, चम्बल, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियां) शामिल हैं।”
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