कूमिंग (चीन), 16 जून (जनसमा)। चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी कूमिंग में ‘चाइना-इंडिया टेक्नोलाॅजी ट्रांसफर वर्कशाॅप’ बुधवार को यहां सम्पन्न हो गया। इस वर्कशाॅप की अध्यक्षता युन्नान प्रांत की युन्नान एकेडमी आॅफ साइंटिफिक एण्ड टेक्निकल इंफाॅर्मेशन (यास्टी) के महाप्रबंधक प्रोफेसर मा मिनझिंग ने की। उन्होंने भारत और चीन के बीच विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि चीन इस दिशा में महत्वपूर्ण तरीके से काम कर रहा है।
इस वर्कशाॅप में संयुक्त राष्ट्र संघ के एशिया पेसिफिक के समन्वयक एन. श्रीनिवासन ने भी भाग लिया।
वर्कशाॅप में बोलते हुए इंडिया-चाइना टेक्नोलाॅजी ट्रांसफर सेंटर (आईसीटीटीसी) के अध्यक्ष वी.के. मिश्रा ने कहा कि भारत में हो रही विकास प्रक्रिया में चीन और भारत के तकनीशियनों और वैज्ञानिकों को मिलकर काम करना चाहिए जिससे इस क्षेत्र में दोनों देश असाधारण तरक्की कर सकेंगे।
मिश्रा ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का जो अभियान चल रहा है उसमें चीन के उद्योगपतियों को निवेश करना चाहिए जिससे दोनों देशों में तेजी से विकास होगा।
मिश्रा ने बताया कि निवेश के लिए ई-गवर्नेंस, पानी और कचरा प्रबंधन, ऊर्जा क्षेत्र, शहरी विकास, टेलीमेडिसिन, शिक्षा तथा कौशल विकास आदि के क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएं हैं।
वी.के. मिश्रा इंडिया-चाइना ट्रेड सेंटर (आईसीटीसी) के कार्यकारी उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आईसीटीसी के साथ देश की 25 हजार से अधिक कंपनियां जुड़ी हुई हैं और आईसीटीसी उन्हें भारत और चीन के बीच होने वाले व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में अनेक प्रकार से सहयोग प्रदान करती है।
मिश्रा ने बताया कि आईसीटीसी और चीन की युन्नान एकेडमी आॅफ साइंटिफिक एण्ड टेक्निकल इंफाॅर्मेशन (यास्टी) ने एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत भारत और चीन के बीच व्यापारिक क्षेत्र में टेक्नोलाॅजी कार्यक्रमों को विस्तार दिया जाएगा।
भारत की फलों और सब्जियों की एक बड़ी निर्यातक कंपनी फ्लैक्स फूड्स लिमिटेड के प्रतिनिधि समीर गुप्ता ने चीन और भारत के बीच सब्जियों को सुखाने की तकनीक पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि चीन सूखे हुए मशरूम समुचित दर पर उपलब्ध कराए तो अंतर्राष्ट्रीय मांग की पूर्ति की जा सकेगी।
वीडियो कार्यक्रम और पुस्तक प्रकाशन के व्यवसाय से जुड़ी कंपनी दर्पण वीडियो इण्डिया के संस्थापक बृजेन्द्र रेही ने भारत में हो रही टेलीविजन क्रांति की चर्चा करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आदान-प्रदान एक-दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ाने में कारगर साबित होगा और इससे उद्योग जगत को भी फायदा होगा। रेही ने चीन के जनजातीय समुदायों पर कार्यक्रम बनाने की मंशा जाहिर की। इसमें चीन की टेलीविजन कंपनियों ने काफी उत्साह दिखाया।
विभिन्न उद्योगों से जुड़े हुए प्रतिनिधियों ने भारत और चीन के बीच ऊर्जा क्षेत्र में मिलकर निवेश करने की संभावनाओं पर अधिक जोर दिया।
ई-गेटवे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अतुल मिश्रा और आॅप्टिमस बिज़नेस साॅल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक के. भार्गव ने भी अपने विचार रखे।
आईसीटीटीसी के अवैतनिक सचिव डाॅ. सुशील कुमार दीक्षित ने बताया कि भारत और चीन के बीच अब तक विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में 24 अनुबंध पत्र आदि पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और दोनों देश इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
दीक्षित ने बताया कि यदि भारत और चीन प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मिलकर काम करें तो विश्व अर्थव्यवस्था में अपना महत्वूपर्ण योगदान दे सकते हैं।
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