कुमारकोम (केरल), 26 सितंबर (जस)। केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण में लगे अभियंताओं से कहा है कि सड़क निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है ताकि उच्च स्तरीय सड़कें बनाने में तेजी आए और साथ ही लागत भी कम हो।
गडकरी सोमवार को केरल के कोट्टयम जिले में स्थित पर्यटन स्थल कुमारकोम में भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) की परिषद की 209वीं मध्यावधि बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क के काम में लगे अधिकारियों और निर्माण करने वालों के काम का ऑडिट किया जाना जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार के विलंब और कमी की जिम्मेदारी तय की जा सके।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस क्षेत्र में बैठकों, सेमिनारों, संगोष्ठियों और विचार करने का दौर चला आ रहा है इसे समाप्त किया जाना चाहिए और ऐसी पद्धति विकसित की जानी चाहिए जिससे सड़क निर्माण की परियोजनाएं निर्धारित समय में पूरी हो सकें।

फोटो : केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक का शुभारंभ करते हुए। साथ में हैं केरल के लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रता बिस्वास और भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के महासचिव सज्जन सिंह नाहर।
गडकरी ने कहा कि किसी भी मंत्री या राजनीतिज्ञ का कार्यकाल बहुत छोटा और पांच साल का ही होता है किंतु सरकार में काम करने वालों के पास काफी समय है।
गडकरी ने कहा, ‘‘मैं गुणवत्तापूर्ण काम करने में भरोसा करता हूं इसलिए विचार-विमर्श, सेमिनारों और संगोष्ठियों में समय नहीं गंवाया जा सकता।’’
केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री ने जैव ईंधन के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि देश में इस दिशा में महत्वपूर्ण काम हो रहा है और इससे 2020 तक पेट्रोलियम के आयात में कमी लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम बायोइथानॉल और इथानॉल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और यह हमारे लिए आर्थिक दृष्टि से बहुत महवत्पूर्ण होगा। इतना ही नहीं बांसों और घास से भी इथानॉल बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
नितिन गडकरी ने कहा कि नई तकनीकी के इस्तेमाल के लिए अभियंताओं को तैयार रहना चाहिए।
आईआरसी परिषद की बैठक में देशभर के सड़क निर्माण से जुड़े अभियंता भाग ले रहे हैं।
अपने स्वागत भाषण में भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के महासचिव सज्जन सिंह नाहर ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अतिथियों का स्वागत करते हुए इस बात पर जो़र दिया कि आईआरसी सड़क निर्माण की तकनीक को विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रही है।
नाहर ने सड़क सुरक्षा पर ज़ोर देते हुए कहा कि आईआरसी सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर बहुत चिंतित है और इस दिशा में ऐसे प्रयत्न किए जा रहे हैं कि सड़कों की किसी तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाएं न हों।
आईआरसी के अध्यक्ष डॉ. एस.एस. पोरवाल ने कहा कि देश के पहाड़ी इलाकों व कई अन्य राज्यों में भूस्खलन के कारण सड़कों को भारी नुकसान होता है इस दिशा में सरकार को विचार करना चाहिए और भूस्खलन से सड़कों का बचाव तथा ऐसे क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए कदम उठाया जाना चाहिए।
बैठक में केरल के लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रता बिस्वास ने केन्द्र सरकार द्वारा सड़कों के विकास कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार को आर्थिक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही सड़क निर्माण में लगे अभियंताओं और राजमार्ग अनुसंधान संस्थान को आर्थिक सहयोग देने की जरूरत है। अभियंताओं को नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए विशेष कदम उठाया जाना चाहिए।
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