भोपाल, 28 सितंबर (जस)। एक लाख से अधिक आबादी के 34 शहर में लागू ‘अमृत’ योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रारंभ से ही उत्कृष्ट रहा है। इन शहरों के लिये बनायी गयी समग्र योजना की स्वीकृति एवं सम्पादन में मध्यप्रदेश देश में पहले नम्बर पर है। भारत सरकार ने प्रदेश को योजना के लिये 8279.4 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। हाल ही में भारत सरकार ने इस योजना में मध्यप्रदेश को इन्सेंटिव अवार्ड के रूप में 33 करोड़ 45 लाख की प्रोत्साहन अनुदान राशि मंजूर की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 सितम्बर को यह अवार्ड और प्रोत्साहन राशि नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह को प्रदान करेंगे।
प्रदेश में अमृत में 20 योजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिनकी लागत 1435.82 करोड़ है। ग्यारह योजना, जिनकी लागत 1425.15 करोड़ है, उनके टेण्डर की कार्यवाही चल रही है। अमृत योजना के दो घटक, जल-आवर्धन और सीवेज-प्रबंधन हैं। इनमें जल-आवर्धन की 17 स्वीकृत योजना में से 14 पर काम शुरू हो गया है, जिसकी लागत 560.24 करोड़ रुपये है। सीवेज-प्रबंधन की 13 स्वीकृत योजना में से 875.58 करोड़ की 6 योजना पर काम शुरू हो चुका है।
अमृत योजना में मध्यप्रदेश के 34 शहर को मिलाकर कुल 237.35 अंक प्राप्त हुए हैं, जिसके आधार पर प्रदेश को इन्सेंटिव अवार्ड मिला है। भारत सरकार ने अपने सर्वे में अमृत योजना के क्रियान्वयन के संबंध में निर्धारित गाइड-लाइन के अनुसार हुए कार्यों का व्यापक सर्वे प्रदेश में किया था। सर्वे के प्रमुख बिन्दु थे- ई-गवर्नेंस, कांस्टीट्यूशन एण्ड प्रोफेशनलाइजेशन ऑफ म्युनिसिपल केडर, आगमेंटिंग डबल एन्ट्री एकाउंटिंग, अर्बन प्लॉनिंग एवं सिटी डेव्हलपमेंट प्लॉन, डीवाल्यूशन ऑफ फण्ड्स एण्ड फंक्शन, रिव्यू ऑफ बिल्डिंग बॉयलॉज, म्युनिसिपल टेक्स एण्ड फीस इम्प्रूवमेंट, कलेक्शन ऑफ यूजर चार्ज और एनर्जी एण्ड वॉटर ऑडिट।
अमृत योजना प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, देवास, मुरैना, सतना, सागर, रतलाम, रीवा, कटनी, सिंगरोली, छिन्दवाड़ा, बुरहानपुर, खण्डवा, भिण्ड, गुना, शिवपुरी, विदिशा, छतरपुर, मंदसौर, खरगोन, नीमच, पीथमपुर, दमोह, होशंगाबाद, सीहोर, बैतूल, सिवनी, दतिया, नागदा, डबरा और ओंकारेश्वर शहर में क्रियान्वित की जा रही है।
(फाइल फोटो)
Follow @JansamacharNews