भोपाल, 4 अक्टूबर (जस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में सबके लिये आवास योजना में 81 करोड़ रूपए की लागत के 1088 आवास का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सन 2022 तक देश के सभी लगभग 3 करोड़ 50 लाख आवासहीनों को आवास मुहैया करा दिए जायेंगे। इसके लिये केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। मुखर्जी ने आशा व्यक्त की कि सरकार निर्धारित समय-सीमा में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी। राष्ट्रपति ने प्रतीक स्वरूप छ: हितग्राही को आवासों का आधिपत्य-पत्र और चाबी प्रदान की। उन्होंने कहा कि अब देश में रोटी, कपड़ा और मकान के नारे के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य को भी जोड़े जाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में जोड़े जाने पर नगरवासियों को बधाई के साथ कहा कि मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गरीबों के कल्याण और मध्यप्रदेश के विकास के लिये सतत् प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा 2015 में संसद में अपने अभिभाषण के दौरान भारत के सभी आवासहीन गरीब परिवारों को स्वयं के आवास के स्वप्न की चर्चा की गई थी, जिसे लोकतांत्रिक परंपरा से चुनी हुई नरेन्द्र मोदी की सरकार ने गंभीरता से लेते हुए काम प्रारंभ कर दिया है। इसके लिये उन्होंने प्रधानमंत्री को बधाई दी। भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी योजना “प्रधानमंत्री आवास योजना” तैयार की गई है, जिसका लक्ष्य 2022 तक सभी संभावित साढ़े तीन करोड़ आवासहीन को आवास मुहैया करवाना है। राष्ट्रपति ने देश में बढ़ते हुए शहरीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था कमजोर होती है तब शहरीकरण की प्रवृति बढ़ती है।
मुखर्जी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। सन् 2014 के आम निर्वाचन में 80 करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया। इसमें बड़ी संख्या में युवा भी हैं। युवाओं को रोटी, कपड़ा, मकान के साथ शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है। राष्ट्रपति ने ग्वालियर में आईएचएसडीपी योजना में बनाए जा रहे आवासों के लिये भी बधाई दी और कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीबों के लिये भी आवास बनाने का कार्य किया जा रहा है। उनकी सरकार वर्ष 2022 तक सभी के आवास मुहैया कराने के वादे को पूरा करेगी।
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