हिमाचल मंत्रिमण्डल ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय

शिमला, 5 अक्टूबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में ‘भू-अभिलेख नियमावली’ में संशोधन कर प्रत्येक छह पटवार वृत्तों पर एक कानूनगो वृत्तसृजित करने का निर्णय लिया गया, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में कानूनगो के 154 पद सृजित होंगे। इसके अतिरिक्त, बैठक में रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम्स को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विभिन्नश्रेणियों के 148 पदों को भरने को भी मंजूरी दी गई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि दो मैगावाट क्षमता तक की परियोजनाओं का 26 प्रतिशत से 49 प्रतिशत का हिस्सा गैर-हिमाचली प्रमोटरों को बेचने/हस्तांतरित करने जबकि दो मैगावाटसे लेकर पांच मैगावाट क्षमता की परियोजनाओं की 49 प्रतिशत से 51 प्रतिशत की भागीदारी गैर-हिमाचली प्रमोटरों को बेचने/हस्तांतित करने पर त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करते समय 25,000 रुपये का शुल्क प्रति मैगावाट की दर से परियोजना के हस्तांतरण करने पर जमा करवाना होगा। इस निर्णय को जल विद्युत नीति-2006 में भी समान शामिल कियाजाएगा।

मंत्रिमण्डल ने शिमला जिले के सेरीनाला लघु जलविद्युत परियोजना (2.50 मैगावाट), कांगड़ा के मलिन-2 (0.50 मैगावाट), मण्डी जिला की टिक्कर (1.00 मैगावाट) तथा कांडी (0.90 मैगावाट) परियोजनाओं को हिम ऊर्जा की सिफारिश के अनुसार दिशा-निर्देशें के पालन में असफल रहने के कारण रद्द करने का निर्णय लिया।